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Kanpur: कानपुर भी प्रति किमी की दर से टोल वसूलने की कवायद में शामिल हुआ
कानपूर: एनएचएआई के हाईवे नेटवर्क पर टोल प्लाजा बैरियर खत्म कर प्रति किमी की दर से टोल वसूलने की कवायद में कानपुर भी शामिल किया गया है. कानपुर में नए बने कानपुर-अलीगढ़ फोरलेन हाईवे पर भी इसका ट्रायल होगा. एनएचएआई ने पहले चरण में दिल्ली-गुरुग्राम के बीच द्वारका एक्सप्रेस वे समेत अन्य हाईवे पर ट्रायल हो चुका है. फास्टैग में टोल कटने की तकनीकी समस्याएं, टोल प्लाजा पर लगने वाले जाम और कम दूरी पर भी पूरा टोल चुकाने की शिकायतें भी दूर हो जाएंगी.
अभी कम यात्रा करने पर भी 60 किमी का देना होता है टोल अभी तक एनएचएआई के राष्ट्रीय राजमार्ग पर औसत हर 60 किमी पर एक टोल प्लाजा होता है. इसमें 60 किमी की यात्रा न करने पर भी पूरा टोल टैक्स देना पड़ता है. अब ‘जितनी दूरी उतना ही टोल व्यवस्था’ के तहत सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम के जरिये टोल लेने की तैयारी कर रहा है. इसमें प्रति किमी की दर से टोल फीस तय की जाएगी, टोल रोड पर वाहन जितना चलेगा, उतना ही टोल उसके फास्टैग वॉलेट से कटेगा.
● वाहन जितना चलेगा, उतना ही टोल उसके फास्टैग वॉलेट से काटा जाएगा
प्रति किमी की दर से टोल वसूलने का परीक्षण अलग-अलग हाईवे पर हो रहा है. कई चरणों की प्रक्रिया के बाद और विशेषज्ञों की रायशुमारी के बाद मंत्रालय इस पर फैसला लेगा. कानपुर की आउटर रिंग रोड पर प्रति किमी के हिसाब से ही एनचएआई टोल वसूलने की तैयारी कर रहा है.
-अमन रोहिल्ला, पीडी, एनएचएआई, कानपुर
इस तरह करेगा काम: ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम (जीएनएसएस) के तहत वाहन में लगे जीपीएस से वाहन की लोकेशन ट्रेस होगी. हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट पहले की तरह फास्टैग से जुड़ी रहेगी. जीएनएसएस के जरिये वाहन की एनएचएआई हाईवे की लोकेशन और तय की गई दूरी का डाटा सर्वर पर रहेगा. बैंक के सर्वर से फास्टैग दूरी के हिसाब से टोल कटेगा. यानी जैसे ही एनएच पर वाहन आएगा, मीटर ऑन हो जाएगा, जैसे ही वाहन टोल हाईवे से हटेगा. उस दूरी का आंकलन होगा और टोल कट जाएगा. अभी कई एक्सप्रेस वे पर प्रति किमी के हिसाब से टोल लिया जाता है. लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस वे पर भी यूपीडा प्रति किमी के हिसाब से टोल लेता है.