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Kanpur: कानपुर कलेक्ट्रेट में फर्जी डिप्टी एसपी का खुलासा हुआ
कानपूर: यूपी के कानपुर जिले एक हैरान कर देने वाला मामला सकने आया है।जहाँ रोज की तरह जिलाधिकारी के जनसुनाई कार्यक्रम चल रहा था।तभी सोमावर को भी कलेक्ट्रेट में जनसुनवाई के दौरान एक व्यक्ति ने डिप्टी एसपी का आईकार्ड दिखाकर अपना परिचय दिया, लेकिन जिलाधिकारी को संदेह होने पर पुलिस को सौंप दिया गया। पुलिस जांच में पता चला कि आईकार्ड फर्जी था और व्यक्ति को छोड़ दिया गया है। मामले में आगे की जांच जारी है।
डीएम ने दी जानकारी: बता दें कि सोमावर को कलेक्ट्रेट में जनसुनवाई के दौरान पहुंचे धर्मेंद्र शर्मा नामक युवक ने डीएम कार्यालय के बाहर खड़े पुलिस कर्मियों को अपना परिचय डिप्टी एसपी के रूप में दिया। इस पर कर्मियों ने उसे डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह के पास भेज दिया।धर्मेंद्र अपनी बंदूक का लाइसेंस बनवाने के लिए गया हुआ था। बातचीत के दौरान संदेह होने पर डीएम ने उससे आई कार्ड मांगा।इसमें धर्मेंद्र का पद प्रिंसिपल प्रोडक्ट ओनर ग्रेड वन लिखा था। रैंक गजेटेड और जॉइनिंग डेट 27 जनवरी 2021 लिखी थी।वर्क टाइप में फाइनेंशियल फ्रॉड डिटेक्शन रिमोट पैन इंडिया और ऑर्गेनाइजेशन का नाम एफआईएस ग्लोबल बिजनेस सॉल्यूशंस लिखा था।डीएम ने बताया कि संदेह तब हुआ जब जॉब कार्ड में भारत सरकार साइबर क्राइम पुलिस हरियाणा गृह मंत्रालय समेत साइबर क्राइम यूनिट का लोगो बना देखा।यही नहीं कार्ड पर चकेरी थाने की मोहर लगी मिली।
बातचीत करने से हुआ संदेह: साथ ही कार्ड खोने पर गृह मंत्रालय में जमा करने की बात लिखी रही। डीएम ने बताया कि युवक की बातचीत करने का तरीका और आई कार्ड देखकर संदेह ।लगा पुलिस अभी उसके पते की पूरी जांच कर रही है। इसके बाद ही आगे की कार्रवाई होगी।
पुलिस जांच में हुई जानकारी: पुलिस जांच में पता चला कि आईकार्ड फर्जी था और व्यक्ति को छोड़ दिया गया है। एसीपी चकेरी दिलीप सिंह ने बताया कि आईकार्ड पर जो हस्ताक्षर हैं वह न तो पूर्व इंस्पेक्टर के हैं और न ही वर्तमान के। आईकार्ड हरियाणा का है ऐसे में सवाल ही नहीं उठता कि चकेरी पुलिस तस्दीक करे। निश्चित ही मोहर भी फर्जी है।