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Kakori: ग्रामीणों ने बाघ को खेतो की तरफ जाते देखा, मिले पगचिन्ह
काकोरी: केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान रहमान खेड़ा से बाघ निकलकर सोमवार देर रात 4 किमी दूरी पर कटौली गांव पहुंचा, ग्रामीणों ने सुबह करीब साढ़े सात बजे खेतो की तरफ जाते देख उसकी उसकी पुष्टि की। खेतो में पगचिन्ह भी मिले।वन विभाग की टीम व अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक रेणु सिंह डीएफओ शितांशु पांडे भारतीय वन्य जीव टीम एक्सपर्ट टीम के साथ कटौली गांव में जाकर पगचिन्हों व मौके का निरीक्षण किया,वही थर्मल ड्रोन कैमरे को उड़ाकर आस पास के जंगलों में देखने का प्रयास किया लेकिन असफलता हाथ लगी उसमे सिर्फ पगचिह्न ही कैद हुए। वही बाघ ने सोमवार को हलुवापुर में शिकार की गई नील गाय का आंशिक हिस्सा भी खाया।IMG-20241217-WA0012
यहाँ मौके पर सुबह करीब 9 बजे एसडीओ हरिलाल व डिप्टी रेंजर राजीव गौतम जाकर निरीक्षण किया।गांव के ग्रामीणों को जागरूक करने का काम किया। वन विभाग टीम के द्वारा इलाके में लगातार ऑपरेशन चलाया जा रहा है लेकिन अभी तक टीम के हाथ खाली है । मंगलवार को प्रधान मुख्य वन सरंक्षक(वन्यजीव) विमूरी अनुराधा केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान रहमान खेड़ा जायजा लेने भी पहुँची।
डीएफओ शितांशु पांडे ने बताया कि रहमानखेड़ा के जंगल में लगे दो पिंजरों व ट्रैप कैमरो की पहुँच से भी दूर हैं । ग्रमीणों की हकीकत जानने के लिए मौके पर गांव पहुचे तो वहां मिले किसान जमालनगर गांव निवासी जगलाल ने बताया सुबह करीब साढ़े सात बजे खेतो की तरफ़ बाघ आया हुआ दिखा जिसे देख कर वह पास में मिली झाड़ियों में छुप कर अपनी जान बचाई लेकिन दहशत ऐसी थी की दिलो की धड़कने बढ़ गयी ।
वहीं जमालनगर गांव निवासी संतोष ने भी बताया कि बाघ के खेतो में पगचिन्ह दिखे। ग्रामीणों की सूचना से गांव में हड़कप मच गया। वन विभाग की टीम ने मौके पर निरीक्षण किया।अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक लखनऊ मंडल रेणु सिंह ने भी करीब 1 बजे गांव पहुंच मौके पर पगचिन्ह देख लोगो को देर शाम को खेतों और खलिहानों की तरफ न जाने के लिए ग्रामीणों को जागरूक किया।