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सांस्कृतिक एकता को मजबूत करते हैं ज्योतिर्लिंग: योगी
गोरखपुर न्यूज़: मुख्यमंत्री एवं गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ ने कहा कि वृहत्तर भारत में उत्तर से दक्षिण तथा पूरब से पश्चिम तक श्रद्धालुओं को द्वादश ज्योतिर्लिंगों के माध्यम से अलौकिक कृपा का प्रसाद आदिकाल से प्राप्त होता रहा है. भारतीय मनीषा के माध्यम से हम कंकड़-कंकड़ में भगवान शंकर के दर्शन करते हैं. शिव की आराधना से हमें स्वयं के साथ दूसरों के कल्याण की प्रेरणा मिलती है.
सीएम योगी अंधियारी बाग स्थित मानसरोवर मंदिर में आयोजित सप्त दिवसीयशिव महापुराण कथा के विश्राम दिवस पर व्यासपीठ के समक्ष अपने विचार व्यक्त कर रहे थे. व्यासपीठ की पूजा करने के बाद उन्होंने कहा कि पावन श्रावण मास के शुक्ल पक्ष में देवाधिदेव महादेव भगवान शिव की कथा का आनंद प्राप्त होना सौभाग्य की बात है.
आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक एकता के केंद्र उन्होंने कहा कि वृहत्तर भारत में कैलाश से रामेश्वरम तक, पूरब में वैद्यनाथ धाम से लेकर पश्चिम में सोमनाथ धाम तक भगवान भोलेनाथ के पवित्र स्थल प्राचीन काल से आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक एकता के जागरण के केंद्र रहे हैं. श्रद्धालु नदियों व तीर्थों से शिला लाकर शंकर के रूप में पूजते हैं और आत्मिक संतुष्टि प्राप्त करते हैं. शिवालय और ज्योतिर्लिंग सांस्कृतिक एकता को मजबूत करते हैं.
धर्मस्थलों और सार्वजनिक संपत्ति का करें संरक्षण
मुख्यमंत्री ने सभी लोगों से धर्मस्थलों, सरकारी व सार्वजनिक संपत्ति के संरक्षण की अपील की. मानसरोवर मंदिर का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि 10-11 वर्ष पूर्व यह मंदिर जर्जर और अव्यवस्थित था. समाज की चेतना जागृत हुई और गोरखपुर के श्रद्धालुओं ने संरक्षण का बीड़ा उठाया तो इसका कायाकल्प हो गया. हर धर्मस्थल, सरकारी व सार्वजनिक संपत्ति को सुंदर रखना सबका कर्तव्य होना चाहिए. यदि किसी सार्वजनिक संपत्ति को कोई नुकसान पहुंचाता है तो वह धरती माता, अपनी विरासत व पूर्वजों के प्रति श्रद्धा और कृतज्ञता का भाव ईमानदारी से व्यक्त नहीं कर सकता.