उत्तर प्रदेश

ज्योति चिल्लाती रही, बचा लो,पति पीयूष ने फोन कर कातिलों से कहा था- जरा चीखें सुनवाओ

HARRY
22 Oct 2022 5:38 AM GMT
ज्योति चिल्लाती रही, बचा लो,पति पीयूष ने फोन कर कातिलों से कहा था- जरा चीखें सुनवाओ
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आठ साल पुराने चर्चित कानपुर के ज्योति हत्याकांड में शुक्रवार को अपर जिला जज प्रथम अजय कुमार त्रिपाठी ने ज्योति के पति पीयूष श्यामदासानी, उसकी प्रेमिका मनीषा मखीजा, मनीषा के पूर्व ड्राइवर अवधेश व हत्या में शामिल रहे आशीष, सोनू व रेनू को हत्या का दोषी मानकर उम्रकैद की सजा सुनाई है। दोषियों पर अलग-अलग जुर्माना भी लगाया गया है। गुरुवार को कोर्ट ने छह लोगों को दोषी करार दिया था जबकि पीयूष की मां व दो भाइयों को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया था।


मुकदमे की सुनवाई के दौरान आरोपी पीयूष के पिता ओमप्रकाश श्यामदासानी की मौत हो चुकी है। पांडु नगर निवासी बिस्कुट व्यापारी ओमप्रकाश श्यामदासानी की बहू ज्योति की 27 जुलाई 2014 को कार में चाकुओं से गोदकर हत्या कर दी गई थी। ज्योति के पति ने रात लगभग 11:30 बजे स्वरूप नगर थाने जाकर लुटेरों द्वारा ज्योति का अपहरण करने की सूचना दी थी। देर रात लगभग 1 बजे पनकी से ज्योति का क्षत-विक्षत शव बरामद हुआ था।

पति ने पुलिस को किया था गुमराह

पीयूष की कहानी और परिस्थितियों में विरोधाभास होने पर पुलिस ने कड़ाई से पूछताछ की तो पीयूष द्वारा ही अपनी प्रेमिका मनीषा मखीजा के प्रेमजाल में फंसकर भाड़े के हत्यारों से ज्योति की हत्या करवाने और उसे लूट व अपहरण की वारदात दिखाने की कोशिश करने का मामला सामने आया था।

पुलिस ने पीयूष, उसकी प्रेमिका मनीषा मखीजा, मनीषा के ड्राइवर अवधेश कुमार चतुर्वेदी, पीयूष से सुपारी लेकर हत्या की साजिश रचने वाले आशीष कश्यप, सुपारी किलर रेनू उर्फ अखिलेश कनौजिया व सोनू कश्यप के अलावा घटना की पुलिस को सही जानकारी न देने के आरोप में पीयूष के पिता ओमप्रकाश, मां पूनम, भाई मुकेश व चचेरे भाई कमलेश के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की थी। सभी के खिलाफ चार्जशीट भी कोर्ट भेज दी गई थी।

रेनू और सोनू पर आर्म्स एक्ट के तहत भी दर्ज था मुकदमा

रेनू और सोनू की निशानदेही पर पुलिस ने हत्या में इस्तेमाल किया गया चाकू बरामद किया था इसलिए इन दोनों के खिलाफ आर्म्स एक्ट के तहत भी मुकदमा दर्ज किया गया था। अवधेश, रेनू व सोनू घटना के बाद से जेल में ही बंद थे जबकि बाकी आरोपियों को जमानत मिल गई थी। गुरुवार को कोर्ट ने पीयूष, मनीषा, अवधेश, आशीष, रेनू व सोनू को हत्या का दोषी करार देकर जेल भेज दिया था।

शुक्रवार सुबह सभी दोषियों को जेल से कड़ी सुरक्षा में कोर्ट लाया गया जहां अभियोजन पक्ष व बचाव पक्ष के अधिवक्ताओं ने सजा के बिंदु पर अपना-अपना पक्ष रखा। अभियोजन ने जहां दोषियों को फांसी देने की मांग की वहीं बचाव पक्ष ने अलग-अलग तर्क देते हुए रहम की अपील की थी।

27 जुलाई 2014 को हुई ज्योति की हत्या का जब बयान पुलिस अफसरों ने अवधेश, रेनू और सोनू से सुना तो वह सन्न रहे गए थे। वे बोले... पीयूष ने चाकू खरीदवाए। वारदात के दिन पीयूष जब कार से उतरने लगा तो ज्योति को कुछ गलत होने की भनक लग गई थी। उसने पीयूष के कॉलर और बाल पकड़े और बोली सब समझ रही हूं। इसके बाद पीयूष उसे धक्का देकर बोला था कि चुपचाप अंदर बैठ जाओ।

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