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झाँसी: बुखार के साथ शरीर पर उबरने वाले दानों को खसरा और रुबेला कहते हैं. यह घातक सन्क्रामक बीमारी है. इसकी रोकथाम के लिए टीकाकरण अभियान चलाया जाएगा. इससे पहले स्वास्थ्य विभाग की आशा गांव-गांव जाकर 0 से 05 वर्ष तक के उन बच्चों की सूची बनाएंगी, जिनका अभी तक टीकाकरण नहीं हो सका है.
चिकित्सकों के मुताबिक खसरा और रुबेला घातक संक्रामक बीमारियों में से एक है. बच्चों को इससे प्रतिरक्षण प्रदान करने के लिए सरकार स्वास्थ्य विभाग के माध्यम से टीकाकरण अभियान संचालित करता है. इस संबंध में मुख्य सर्वे किया जायेगा. पंचायत स्तर पर सर्वे के उपरांत ही अभियान का श्रीगणेश होगा. बच्चों को खसरा और रुबेला जैसी बीमारियों से बचाने के लिये टीकाकरण अभियान की की जायेगी. यह अभियान कवर किया जायेगा, जो नियमित टीकाकरण से छूट गये थे. जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डा. शिव प्रकाश ने बताया कि महानिदेशालय से मिले निर्देर्शों के अनुसार माइक्रोप्लान तैयार किया जा रहा है. डीएम की अध्यक्षता में बैठक की जा चुकी है.
डिस्ट्रिक्ट पब्लिक हेल्थ स्पेशलिस्ट डा. सौरभ सक्सेना ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग मीजिल्स रूबेला उन्मोदन के लिये प्रतिबद्ध है. वर्तमान में जनपद के ग्रामीण, शहरी क्षेत्रों में एमआर केसों की स्थिति, एचएमआईएस पोर्टल पर एमआर 1, एमआर 2 के कवरेज को अध्ययन करने के उपरान्त खसरा और रुबेला की रोकथाम के लिये कैचअप टीकाकरण अभियान चलाने का निर्णय लिया गया है. टीकाकरण के माध्यम से खसरा और रुबेला की रोकथाम हो सकती है.
सूची बनाएंगी आशा, पोर्टल से होगा सत्यापन से 05 वर्ष तक के बच्चों की सूची तैयार करने के लिए लगभग एक हजार आशाएं सर्वेक्षण करेंगी. इसके बाद टीकाकरण का कार्ड देखकर उनका यूविन पोर्टल से सत्यापन किया जाएगा. जिसके बाद उन बच्चों की सूची तैयार होगी, जिनको यह टीका नहीं लगा है.