उत्तर प्रदेश

Jhansi: दो पक्षों में बवाल के बाद हुई मारपीट

Admindelhi1
17 Jan 2025 7:26 AM GMT
Jhansi: दो पक्षों में बवाल के बाद हुई मारपीट
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झाँसी: अंदर लक्ष्मी गेट में रहने वाले दो पक्षों में गाली-गलौंज के बाद जमकर मारपीट हुई. दोनों पक्षों ने एक दूसरे के खिलाफ अलग-अलग थाना पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई है. रवि रायकवार ने जहां सड़क पार करते समय डिवाईडर पर खड़े भाई को आपे से टक्कर मारकर ष्घायल करने का आरोप लगाया. वहीं दूसरी पक्ष से हुकुम चंद्र रायकवार ने मेवालाल अस्पताल में गाली-गलौंज कर मारपीट करने का आरोप लगाया है. पुलिस ने दोनों पक्षों की रिपोर्ट दर्ज कर कार्रवाई शुरू दी है.

कोतवाली थाना क्षेत्र के अंदर लक्ष्मीगेट निवासी रवि रायकवार पुत्र रामबाबू रायकवार ने पुलिस से शिकायत करते हुए बताया कि उसका भाई प्रिंस रायकवार बच्चे को देखने के लिए आयुष्मान हॉस्पिटल गया था. सड़क पार करते समय वह डिवाइडर पर खड़ा हो गया, तभी तेज गति से आ रहे आपे चालक ने लापरवाही से आपे चलाते हुए डिवाइडर पर चढ़ाकर उसके भाई को टक्कर मार दी. इसी बीच मोहल्ले का एक युवक हुकुम चन्द्र रायकवार पुत्र रामचरण रायकवार निवासी लक्ष्मी गेट अंदर आकर छोटे भाई से बोला कि अभी एक पैर तोड़ा है, दूसरा भी तुडवा देंगे. इस पर रवि रायकवार व हुकुम के बीच झंझट हो गया. रवि की तहरीर पर पुलिस ने हुकुम चन्द्र रायकवार व उसके चार अज्ञात साथियों के विरुद्ध मामला दर्ज कर लिया है. वहीं कोतवाली थाना क्षेत्र के अंदर लक्ष्मीगेट निवासी हुकुम चन्द्र रायकवार पुत्र रामचरण रायकवार ने नवाबाद थाना में रिपोर्ट दर्ज कराई है कि 29 दिसम्बर को रात साढे 9 बजे से 10 बजे के बीच आशीष रायकवार के साथ मेवालाल अस्पताल परिचित को देखने गया था. जहां रवि रायकवार, सागर जोशी, राजू रायकवार व उसके अन्य साथियों ने मिलकर बिना किसी बात के गाली-गलौंज कर मारपीट कर जान से मारने की धमकी देकर भाग गए. पुलिस ने हुकुम की तहरीर पर आरोपितों के विरुद्ध मामला दर्ज कर लिया है.

पार्षद ने भी लगाया था मारपीट का आरोप: पिछले दिनों पार्षद आशीष रायकवार ने भी आरोप था कि वह मामा के बेटे के एक्सीडेंट की सूचना पर साथियों के साथ अस्पताल देखने गया था. जहां हुकुम चन्द्र रायकवार व उसके साथियों द्वारा पीड़ित के भाई रवि से विवाद होता देख पार्षद आशीष रायकवार ने बीच-बचाव किया तो हुकुम चन्द्र ने आशीष के साथ धक्का-मुक्की कर मारपीट कर दी थी. इसमें पार्षद का चश्मा टूट गया था. इसकी शिकायत पार्षद ने विश्वविद्यालय पुलिस से की थी.

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