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झांसी: एक माह में होगा एपार्टमेंट ऑनर्स एसोसिएशन का गठन
सिटी न्यूज़ स्पेशल: मण्डलायुक्त डा.अजय शंकर पाण्डेय ने नागरिक सुविधाओं को स्तरीय और गुणवत्तापरक बनाने के लिये एक बड़ी मुहिम शुरू की है। मुहिम यह है कि उत्तर प्रदेश अपार्टमेंट (निर्माण, स्वामित्व और रखरखाव का संवर्धन) से सम्बन्धित एपार्टमेंट ऑनर एसोसियेशन के गठन की प्रक्रिया शुरू हुई, हालांकि इस मामले में कानून एवं नियमावली बनी हुई है परन्तु उसके अनुपालन की स्थिति धरातल पर शून्य है। मण्डलायुक्त ने शुक्रवार को कमिश्नरी सभागार में विकास प्राधिकरण, नागरिकों एवं एपार्टमेंट निर्माताओं की एक आकस्मिक बैठक समीक्षा की। जिसमें पाया गया कि जनपद झांसी में लगभग 24 एपार्टमेंट बने हुये हैं लेकिन किसी के द्वारा भी एपार्टमेंट ऑनर्स एसोसियेशन का गठन नहीं किया गया है। यह भी अवगत कराया गया कि जिन कुछ एपार्टमेंट द्वारा रेजीडेंट वेलफेयर एसोसियेशन तहत गठन भी किया गया है। उसमें मॉडल थायलॉज को अंगीकृत नहीं किया गया है।
मण्डलायुक्त ने इस पर कड़ी अप्रसन्नता व्यक्त की तथा विकास प्राधिकरण को यह निर्देशित किया कि नियमावली में विहित विधियों के तहत एक अभियान चलाकर एक माह के अंदर एपार्टमेंट स्वामियों के संघ और उनसे सम्बन्धित उपविधियां तैयार कराकर अवगत करायें। मण्डलायुक्त ने यह भी निर्देश दिये कि उत्तर प्रदेश अपार्टमेंट (निर्माण स्वामित्व और रखरखाव का संवर्धन) अधिनियम, 2010 की धारा-14 में यह स्पष्ट व्यवस्था है कि प्रमोटर और एपार्टमेंट स्वामियों का यह संयुक्त दायित्व होगा कि वे संघ बनायें। एपार्टमेंट्स में 33 प्रतिशत जो भी अधिक हो उसके द्वारा बिक्री अंतरण या कर्जा देने के माध्यम से स्वामियों को सौंप दिये जाने के तत्काल बाद संघ का पंजीकरण अनिवार्य रूप से कराया जायेगा। साथ ही मण्डलायुक्त ने यह भी बताया कि एक्ट के प्राविधानों के अनुसार सभी निवासियों को उसके संघ के सदस्य बनने की अनिवार्यता होगी। मण्डलायुक्त ने निर्देश दिये हैं कि एक माह के अन्दर एपार्टमेंट का कार्यकलाप प्रबन्ध तंत्र प्रमोटर से उक्त संघ को उसके तत्काल बाद अन्तरित करने की कार्यवाही की जाये।
मण्डलायुक्त ने विकास प्राधिकरण को निर्देश दिये कि एपार्टमेंट्स ऑनर्स एसोसियेशन का गठन हो जाने के पहले जलापूर्ति सीवेज, ड्रेनेज, विद्युत, सड़क, नालियां, पार्क, पार्किंग आदि जितनी भी अनुमन्य सुविधाएं हैं. एपार्टमेंट की स्वीकृति के समय सुनिश्चित हुई हैं अथवा नहीं? इसको देखा जाय। उक्त सुविधाएं सुनिश्चित हो जाने के उपरान्त एपार्टमेंट्स ऑनर्स एसोसियेशन को हस्तांतरित की जायें। मण्डलायुक्त ने इसके लिये एक माह का समय निर्धारित किया है और यदि कोई भी बिल्डर्स इसको पूरा करने में विफल रहता है तो उसके विरूद्ध आपराधिक एवं सिविल एक्ट के तहत उत्तरदायित्व निर्धारित करते हुये विधिक कार्यवाही सुनिश्चित की जाये।
मण्डलायुक्त ने दिए यह मुख्य निर्देश:एपार्टमेंट्स ऑनर्स एसोसियेशन को एक माह पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा। प्रमोटर और एपार्टमेंट स्वामियों का यह संयुक्त दायित्व होगा कि वे संघ बनायें। एपार्टमेंट्स ऑनर्स एसोसियेशन का गठन हो जाने के पहले जलापूर्ति, सीवेज, ड्रेनेज विद्युत, सड़क, नालियां, पार्क, पार्किंग आदि जितनी भी अनुमन्य सुविधाएं है, पूरी करके बिल्डर्स को देनी होंगी। यदि कोई भी बिल्डर्स इसको पूरा करने में विफल रहता है तो उसके विरुद्ध आपराधिक एवं सिविल एक्ट के तहत कार्यवाही की जायेगी।