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- कानपुर अग्निकांड मामले...
कानपुर। कानपुर देहात में अतिक्रमण के नाम पर घर गिराने की कार्रवाई के दौरान खुद को कमरे में बंद करने वाली मां-बेटी के जिंदा जल जाने के मामले में अब योगी सरकार एक्शन मोड में है। इस मामले में जेसीबी के ड्राइवर को गिरफ्तार कर लिया गया है। मामले में प्रथम दृष्टया जांच के बाद एसडीएम ज्ञानेश्वर प्रसाद और लेखपाल अशोक सिंह को सस्पेंड कर दिया गया है। कुल 38 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। थाना प्रभारी को भी हटा दिया गया है। मंगलवार को स्थानीय लोगों ने घटना के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन किया। गत दिवस अतिक्रमण हटाने के दौरान झोपड़ी में आग लग गई थी।
आरोप है कि जेसीबी से छप्पर गिराने के दौरान मां-बेटी दब गईं, जिसमें जलकर उनकी दर्दनाक मौत हो गई। घटना को लेकर गांव में तनाव व्याप्त है। मृतक परिजनों और ग्रामीणों ने पांच करोड़ मुआवजे, सरकारी नौकरी और जमीन के पट्टे की मांग को लेकर शव को उठाने नहीं दिया। वहीं , दूसरे पक्ष के लोग गांव से भागे हुए हैं।सोमवार को कानपुर देहात के रूरा थाने के मड़ौली गांव में सोमवार को एसडीएम मैथा ज्ञानेश्वर प्रसाद की मौजूदगी में पुलिस और राजस्व कर्मियों के साथ गांव के कृष्ण गोपाल दीक्षित की झोपड़ी के पास लगे सरकारी हैंडपंप और मंदिर तोड़ने के साथ ही उसकी झोपड़ी को जेसीबी से ढहा दिया गया था। ढहाए गए छप्पर में लगी आग से अंदर मौजूद पत्नी प्रमिला दीक्षित (उम्र 44 वर्ष) और बेटी नेहा ( उम्र 22 वर्ष) आग जिंदा जल गईं।
कृष्ण गोपाल गंभीर रूप से झुलस गए थे। हादसे से वहां अफरा-तफरी के दौरान एसडीएम, पुलिस, राजस्व और पुलिस कर्मी भाग निकले थे। अफसरों की छानबीन के बाद देर रात बेटे शिवम की तहरीर पर एसडीएम मैथा सहित 38 के खिलाफ हत्या और हत्या के प्रयास, आग लगाने सहित कई गंभीर धाराओं में देर रात रूरा थाने में मुकदमा दर्ज कर लिया गया। मामले में लेखपाल पर आग लगाने और एसओ रूरा पर मारपीट करने का आरोप लगाया गया है। ग्रामीणों और परिजनों ने पांच करोड़ का मुआवजा, दोनों बेटों के नाम 5-5 बीघा जमीन का पट्टा किए जाने परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दिए जाने और आरोपितों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर मंगलवार को शव नहीं उठने दिया। इसके साथ ही मुख्यमंत्री को बुलाए जाने की मांग भी की है। घटना के बाद गांव में तनाव का माहौल है। एहतियात के तौर पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। कानपुर देहात की घटना पर दुख जताते हुए डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा है कि इस मामले में किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा। अफसर हों या कर्मचारी यदि दोषी पाए गए तो सख्त से सख्त कार्रवाई होगी।