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लखनऊ: उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क सीवर व स्ट्रीट लाइटों की समस्या का निदान करने में विफल रहे नगर निगम व जलकल के दो अधिकारियों पर गाज गिरी है. पूरे शहर में सीवर की बदहाली व उफनाने के मामले में जलकल के जीएम राम कैलाश को जीएम की जिम्मेदारी से मुक्त कर दिया गया है. उन्हें अधिशासी अभियन्ता बनाया गया है. इसी तरह स्ट्रीट लाइट सुधारने में विफल नगर निगम के मुख्य अभियन्ता विद्युत यांत्रिक संजय कटियार को नगर निगम से हटाकर स्थानीय निकाय निदेशालय से सम्बद्ध कर दिया गया है.
पूरा पैसा लेकर ठेकेदार भाग गया और नगर निगम को कुछ नहीं दिया. इस मामले में भी शासन नाराज था. इसकी गाज नगर निगम के मुख्य अभियन्ता विद्युत यांत्रिक पर गिरी है. जलकल जीएम का चार्ज संभालने वाले राम कैलाश की भी भारी लापरवाही सामने आई थी. एक तो वह किसी का फोन नहीं उठाते थे. दूसरे समस्याओं के निदान में कोई रुचि नहीं लेते थे. इसकी वजह से पूरे शहर में सीवर उफनाने से लोग परेशान हैं. तीन दिन पहले ही नगर आयुक्त ने उन्हें कड़ी फटकार लगाई थी. शासन को भी रिपोर्ट भेजी थी. इसके बाद शासन ने उन्हें जलकल के जीएम की जिम्मेदारी से मुक्त कर दिया है.
जनप्रतिनिधियों के लिए अस्पतालों में होगा अलग काउंटर
सांसद, विधायक और विधान परिषद सदस्यों के लिए राजधानी लखनऊ के हर अस्पताल में अब एक अलग काउंटर होगा. उस काउंटर में नियुक्त अधिकारी का नाम, मोबाइल नंबर भी बोर्ड पर डिस्प्ले किया जाए. शासन ने यह व्यवस्था रात भाजपा के विधान परिषद सदस्य नरेंद्र भाटी के साथ लोहिया अस्पताल में हुई अभद्रता के प्रकरण के बाद लिया है.
इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग के सचिव रंजन कुमार ने लखनऊ के मुख्य चिकित्साधिकारी को आदेश जारी कर दिए. सांसद, विधायकों और विधान परिषद सदस्यों के लिए तत्काल काउंटर खोलने के निर्देश दिए गए हैं. यह भी सुनिश्चित करने को कहा गया है कि जनप्रतिनिधियों के अस्पताल पहुंचने पर उन्हें कोई भी असुविधा न हो.