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जलकल के महाप्रबंधक मनोज कुमार आर्य जाते-जाते महापौर सुषमा खर्कवाल को उनका अधिकार बता गए
लखनऊ: जलकल के महाप्रबंधक मनोज कुमार आर्य जाते-जाते महापौर सुषमा खर्कवाल को उनका अधिकार बता गए. लिखित में उन्होंने महापौर और जलकल महाप्रबंधक के हक बताए हैं.
मेयर को भेजे पत्र में उन्होंने कहा है कि महापौर को जलकल में कोई खास अधिकार नहीं है. सारे अधिकार महाप्रबंधक में निहित हैं. महापौर अथवा अध्यक्ष का केवल सामान्य नियंत्रण रहता है. जल संस्थान के समस्त कर्मचारियों व अधिकारियों का पर्यवेक्षण, नियंत्रण तथा ट्रांसफर का अधिकार महा प्रबंधक के पास है.
महापौर से चल रहे विवाद की वजह से जलकल के महाप्रबंधक मनोज कुमार आर्य को करीब 2 महीने में ही लखनऊ से हटना पड़ा. को शासन ने उनको हटाकर बरेली भेज दिया. दरअसल, महापौर सुषमा खर्कवाल ने तत्कालीन महाप्रबंधक मनोज कुमार आर्य से पूछा था कि किसके आदेश से उन्होंने सहायक अभियन्ता अनिरुद्ध भारती को जोन 7 व विकास नगर में अधिशासी अभियंता की जिम्मेदारी दी थी. इस बीच जलकल के महाप्रबंधक का तबादला शासन ने कर दिया लेकिन जाते जाते वह महापौर सुषमा खर्कवाल को उनका अधिकार समझा गए.
स्थानांतरण का विशेषाधिकार महाप्रबंधक के पास: तत्कालीन महाप्रबंधक ने महापौर को लिखे पत्र में यह भी कहा है कि जलकल की सेवाओं के संचालन, कर्मचारियों के स्थानांतरण तथा उनसे किसी भी पद पर कार्य लिए जाने का विशेषाधिकार महाप्रबंधक में निहित है. इसके लिए किसी की अनुमति की आवश्यकता नहीं होती है. उन्होंने कुछ धारा व उप धारा का उल्लेख भी किया है. लिखा है कि इससे स्पष्ट है कि महाप्रबंधक जल संस्थान जलकल के समस्त कर्मचारियों से आवश्यकता के अनुसार काम ले सकते हैं. उन्होंने अनिरुद्ध भारती सहायक अभियंता को महाप्रबंधक की विशेष अधिकार के नाते जोन सात और विकासनगर में तैनाती दी गई थी. इसमें किसी प्रकार की त्रुटि नहीं है.