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जापान में ट्रेनिंग के बाद लौटे जलकल व जल निगम के अफसर
वाराणसी न्यूज़: शहर में पेयजल आपूर्ति, सीवर प्रबंधन टोक्यो मॉडल पर किया जाएगा. एक सप्ताह के जापान भ्रमण से लौटे जलकल और जल निगम के अधिकारियों ने इसकी रूपरेखा बनानी शुरू कर दी है.
टोक्यो में जाएका प्रोजेक्ट से जुड़े अधिकारियों के साथ जलकल व जल निगम के अधिकारियों ने कई स्थलों पर प्रशिक्षण लिया. जलकल के जीएम रघुवेंद्र कुमार ने कहा कि पेयजल की बर्बादी रोकने के लिए जापानी तकनीक पर काम किया जाएगा. कोनिया में मॉडल सफल होने के बाद अन्य वार्डों पर भी उसे लागू किया जाएगा.
उन्होंने बताया कि जापान में इलेक्ट्रॉनिक टोटियां होती हैं. इसका भी प्रयोग बनारस में करने का प्रस्ताव बनाया जाएगा. बनारस में 40 प्रतिशत पेयजल विभिन्न कारणों से बर्बाद हो रहा है, जबकि जापान में महज तीन फीसदी बर्बादी है. उन्होंने कहा कि जापान में पानी को बहुत कीमती माना जाता है. वहां प्लास्टिक की पाइप का कहीं उपयोग नहीं है. केवल डक्टाइल आयरन, स्टेनलेस स्टील की पाइप लगी है. उन्होंने बताया कि दो दिन बाद जापान से एक टीम भी आ रही है जिसके साथ मौके पर जाकर अभ्यास भी किया जाएगा. जल निगम के एक्सईएन एसके रंजन ने कहा कि सीवर प्रबंधन के संबंध में मिले प्रशिक्षण के अनुसार स्थानीय अधिकारियों, कर्मचारियों के साथ कार्ययोजना बनाई जाएगी. जापान जाने वाले अधिकारियों में अमृत योजना के निदेशक पीके श्रीवास्तव, जलकल सचिव सिद्धार्थ कुमार, जेई आशुतोष यादव भी शामिल थे.