उत्तर प्रदेश

एसटीपी को लेकर जल निगम और मेडा आए आमने-सामने

Shreya
22 Jun 2023 9:13 AM GMT
एसटीपी को लेकर जल निगम और मेडा आए आमने-सामने
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मेरठ। मेरठ विकास प्राधिकरण मेडा के विभिन्न योजनाओं में स्थापित 13 एसटीपी सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट अभी तक जल निगम को हस्तांतरित नहीं हुए हैं। फरवरी में हुई बोर्ड बैठक में इन्हें अगली बोर्ड बैठक से पहले निगम को हस्तांतरित करने का प्रस्ताव पारित किया गया था। लेकिन जल निगम इन्हें लेने से हाथ खींचता रहा। मामला बढ़ा और शासन ने इस पर जवाब मांगा। बुधवार को मेडा सचिव चंद्रपाल तिवारी ने अपना पक्ष रखा और बताया कि एसटीपी पर मेडा का सालाना खर्चा साढ़े पांच करोड़ रुपए करीब है।

डीएम तथा मेडा के प्रभारी उपाध्यक्ष दीपक मीणा की ओर से जल निगम के महाप्रबंधक को पत्र हाल में लिखा गया। इसमें कहा गया कि 23 फरवरी को हुई 122वीं बोर्ड बैठक में एसटीपी हस्तांतरित करने का प्रस्ताव पारित हुआ था। इसके बाद 23 व 25 मार्च को अभियंताओं की ओर से संयुक्त स्थलीय निरीक्षण भी किया गया। ऐसे में इन्हें जल्द टेकओवर किया जाए।

सचिव चंद्रपाल तिवारी ने बताया कि एसटीपी के लिए सीएमडीएस से करार किया हुआ है। कंपनी की ओर से एसटीपी का अपग्रेडेशन किया जा रहा है। शासन को अवगत कराया गया कि सभी 13 एसटीपी चल रहे हैं।

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