उत्तर प्रदेश

Banaras में तीर्थंकरों की जन्मभूमियों के दर्शन करने के लिए जैन बच्चों ने PM को लिखे पत्र

Gulabi Jagat
9 July 2024 12:57 PM GMT
Banaras में तीर्थंकरों की जन्मभूमियों के दर्शन करने के लिए जैन बच्चों ने PM को लिखे पत्र
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Banaras बनारस: श्री आदि प्रकाश जैन की पहल ,पूर्ण सहयोग एवं प्रो. फूलचंद जैन प्रेमी के मार्गदर्शन एवं प्रशिक्षण में श्री पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन मंदिर, भेलूपुर के नैतिक शिक्षण शिविर में अनेक जैन बच्चों ने अपने जीवन को सुसंस्कारित करने एवं भारतीय संस्कृति के जीवन मूल्यों के साथ ही जीवन जीने की कला सीखी एवं प्राचीन जैन श्रमण संस्कृति के आधारभूत सिद्धांतों को समझने हेतु छह दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया एवं डॉ. मुन्नी पुष्पा जैन ने विश्व की सबसे प्राचीन ब्राह्मी लिपि भी सिखाई । सभी बच्चों ने परीक्षा दी एवं सर्वोच्च अंक प्राप्त करने वाले पांच विद्यार्थियों भूमिका जैन , मयंक जैन, उन्नति जैन, नमन जैन, धान्वी जैन को रजत पदक प्रदान किया गया तथा अन्य सभी बच्चों को प्रमाण पत्र के साथ पुरस्कृत किया गया। शिक्षण देने वाले सभी विद्वानों एवं विदुषियों को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर जैन समाज के गणमान्य अतिथियों ने विद्यार्थियों के ज्ञान लाभ की प्रशंसा की तथा ऐसे लाभकारी शिविरों को नियमित आयोजित करने की भावना अभिव्यक्त की । बनारस में यह पहला ऐसा शिविर लगा जिसमें अत्यधिक बच्चों को जीवन मूल्यों से जोड़ा गया।



इस शिविर की सफलता को देखते हुए आदि प्रकाश जैन की भावना है कि बनारस में एक CBSE के जैन स्कूल भी बनना चाहिए। प्रमिला सामरिया,आशा जैन,रूबी जैन,दीपा जैन,शैली जैन,सरिता जैन एवं दिल्ली से आईं डॉ. इन्दु जैन राष्ट्र गौरव जैन ने बच्चों के अंतर्मन में नैतिक मूल्यों के बीजारोपण में प्रशिक्षिका बनकर महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई। समाज के अध्यक्ष ऋषभचंद जैन एवं सभी अतिथियों ने बच्चों को शुभकामनाएं दीं। ज्ञातव्य है कि 80 से अधिक जैन बच्चों ने बनारस से सांसद एवं भारत के माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को जैन धर्म के चार तीर्थंकरों की जन्मभूमियों स्थित बनारस के जैन मंदिरों के दर्शन करने एवं भारतीय संस्कृति में इनके योगदान को जानने हेतु आमंत्रित करने के लिए पत्र लिखे और साथ ही बच्चों ने अपने पत्र में माननीय प्रधानमंत्री जी के लिए नाराज़गी भी ज़ाहिर की है कि वे इतने वर्षों से बनारस से ही सांसद हैं और अभी तक एक बार भी उन्होंने तीर्थंकरों की जन्मभूमियों के दर्शन नहीं किए । बच्चों को विश्वास है कि ये पत्र माननीय प्रधानमंत्री जी तक अवश्य पहुंचेंगे एवं वे बच्चों की भावनाओं को पूरा करने के उद्देश्य से बनारस के जैन मंदिरों के दर्शन कर जिनेन्द्र प्रभु का आशीर्वाद लेंगे एवं बच्चों से मिलकर ,उनकी यह भावना अवश्य पूरी करेंगे ।
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