उत्तर प्रदेश

देश में बन चुके घिनौने गठजोड़ को तोड़ना अत्यंत आवश्यक

Teja
21 April 2023 7:22 AM GMT
देश में बन चुके घिनौने गठजोड़ को तोड़ना अत्यंत आवश्यक
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अपनीबात : प्रयागराज में माफिया डान अतीक के मारे जाने के बाद ऐसा हंगामा मचा हुआ है जैसे राष्ट्रीय स्तर के किसी बड़े प्रतिष्ठित नेता की हत्या हो गई हो। पिछले 60 वर्षों में मुझे याद नहीं आता कि किसी खूंखार अपराधी के मारे जाने के बाद इतना विवाद खड़ा हुआ हो। ऐसा क्यों हो रहा है? आज की तारीख में विरोधी पार्टियां एकजुट होकर भाजपा को कठघरे में खड़ा कर रही हैं। इसका मुख्य कारण 2024 के लोकसभा चुनाव हैं। विरोधी दल उत्तर प्रदेश की योगी सरकार की छवि मलिन कर अपनी राजनीति चमकाना चाह रहे हैं। इसी कारण एक आपराधिक घटना को तूल दिया जा रहा है।

आखिर यह अतीक अहमद था कौन? प्रयागराज में एक तांगे वाले का लड़का, जिसने 17 साल की उम्र में हत्या करके अपराध की दुनिया में प्रवेश किया और फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। उसने हर प्रकार के अपराध किए। मसलन-हत्या, डकैती, बलवा, मारपीट, अपहरण, सरकारी कामकाज में दखल देना, दूसरे की जमीन हड़पना आदि। उसके विरुद्ध कुल 101 एफआइआर दर्ज हैं। आश्चर्य की बात यह है कि उसे पहले किसी अभियोग में सजा नहीं मिली थी। राजनीतिक संरक्षण मिला होने के कारण प्रशासन अतीक के सामने खुद को असहाय पाता था। पुलिस अधिकारियों और मजिस्ट्रेट पर तो वह हावी था ही, इलाहाबाद हाई कोर्ट के जज भी उससे खौफ खाते थे। उसे केवल जमानत देने के मामले में ही एक के बाद एक 10 जजों ने उसकी सुनवाई में अपनी असमर्थता प्रकट की थी। अतीक को पहली सजा योगी जी के कार्यकाल में ही मिली, जब 28 मार्च 2023 को उसे आजीवन कारावास की सजा हुई।

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