उत्तर प्रदेश

पर्यावरण सुधार के लिए वनस्पति विज्ञान को गहनता से समझाना जरूरी : प्रो एसपी अधिकारी

Shantanu Roy
18 Sep 2022 6:19 PM GMT
पर्यावरण सुधार के लिए वनस्पति विज्ञान को गहनता से समझाना जरूरी : प्रो एसपी अधिकारी
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लखनऊ। राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान, लखनऊ एवं क्लीन एंड ग्रीन एनवायर्नमेंटल सोसाइटी, लखनऊ के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित पारिस्थितिकी सुधार एवं जैव विविधता संरक्षण पर दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का रविवार को समापन हुआ। इस सम्मेलन में सात प्रदेशों से विषय विशेषज्ञ आये थे, जिन्होंने अपने विचार रखे।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि प्रो. एसपी अधिकारी, पूर्व कुलपति फ़क़ीर मोहन विश्वविद्यालय, बालासोर ने कहा कि हमें अगर अपने पारिस्थितिकी और पर्यावरण का सुधार करना है, तो विश्वविद्यालयों एवं संस्थानों में हमें वनस्पति विज्ञान को अधिक गहनता से छात्रों को समझाना होगा। उन्होंने छात्रों में वनस्पति विज्ञान के प्रति घटती रूचि के प्रति चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि यह अति आवश्यक है कि सरकार द्वारा वनस्पति विज्ञान के स्नाकोत्तर पाठ्यक्रमों को इस प्रकार रखा जाये, जिससे छात्रों को वनस्पति विज्ञान में पृथ्वी पर मौजूद सभी पादप विविधिताओं की जानकारी दी जा सके।
इससे पूर्व संस्थान के निदेशक प्रो. एस के बारिक ने सभी प्रतिभागियों एवं विशेषज्ञों का धन्यवाद देते हुए कहा कि हमें अपने पिछले महान वैज्ञानिकों से सीख लेनी चाहिए कि कैसे उन्होंने तत्कालीन मौजूद समस्याओं को ध्यान रख कर विज्ञान को नई उचाईयों तक पहुंचाया था। प्रो. बारिक से सम्मेलन में आये हुए शोध छात्रों का आह्वान किया कि हमें विज्ञान एवं तकनीकी क्षेत्र में भारत को और आगे ले जाना है, जिसके लिए हमें समाज के लिए आधारभूत समस्याओं का निदान खोजना ही होगा। उन्होंने कहा कि भारत को 2047 तक विकसित बनाने के लिए हमें विज्ञान के साथ-साथ एक निर्दिष्ट वैज्ञानिक सोच के साथ मेहनत करनी होगी।
सम्मेलन के विभिन्न सत्रों में मुख्य रूप से आईआईटी, जम्मू के प्रो. आर उमाशंकर ने पादप विविधता का पूर्वेक्षण पर, प्रो. अनिमेष मिश्र ने ह्रदय रोग एवं पादप आधारित उपायों की उपलब्धता पर, भारतीय वानस्पतिक सर्वेक्षण के प्रो. डी के सिंह ने भारत में ब्रायोफाईट पौधों की विविधिता पर विशिष्ट व्याख्यान प्रस्तुत किये। डॉ. प्रियंका अग्निहोत्री, आयोजन सचिव द्वारा सभी को धन्यवाद प्रस्ताव ज्ञापित किया गया। इस अवसर पर संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं सोसाइटी के अन्य सदस्य मौजूद थे।
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