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उत्तर प्रदेश
बेटियों ने गोल्ड मेडल प्राप्त किए ये खुशी की बात: आनंदीबेन पटेल
Shantanu Roy
16 Dec 2022 9:36 AM GMT

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बड़ी खबर
मेरठ। कृषि विवि के दीक्षांत समारोह में पहुंची कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने कहा कि खुशी की बात है, बेटियों ने गोल्ड मेडल प्राप्त किया। उन्होंने कहा कि यह बात अच्छी लगी कि छात्रों के माता-पिता को भी आमंत्रित किया। उनसे बात करके अच्छा लगा। एक परिवार आंध्र प्रदेश से आया है, ये दिखाता है कि सोच में कितना अंतर आया है। पहले डॉक्टर अपने बच्चों को डॉक्टर बनाना चाहते थे, इंजीनियर अपने बेटे को इंजीनियर बनाना चाहते थे, लेकिन आज माता-पिता की सोच बदली है। यही कारण है कि आंध्र प्रदेश से भी बेटी अपनी पसंद से पढ़ाई करने आ रही हैं। उन्होंने कहा पढ़ना कैसे है, क्या पढ़ना है आप सब जानते हैं। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि आपके अध्यापक में अगर क्वालिटी नहीं है, उनका रिसर्च वर्क बेहतर नहीं है तो कोई भी विश्वविद्यालय आगे नहीं बढ़ सकता है।
कृषि के क्षेत्र में भी बेटियां आ रही हैं यह अच्छी बात है। सात-आठ साल में गिनती की लड़कियां कृषि की पढ़ाई में आती थीं, लेकिन आज 50 फीसदी लड़कियां कृषि के क्षेत्र में आ रही हैं। यह बड़ा बदलाव है। डॉ. आरबी सिंह ने कहा कि हर साल सर्दियों के आगमन के साथ ही दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में रहने वाले लोग निम्न वायु गुणवत्ता, धुंध और सांस की समस्याओं से ग्रसित होते हैं, जो उत्तर भारत के किसानों द्वारा फसल अवशेषों को जलाने के लिए अपनाई जाने वाली एक सामान्य कृषि पद्धति के कारण होता है। हम सालाना लगभग 630 मिलियन टन फसल अवशेष उत्पन्न करते हैं, जिसे किसानों द्वारा अगली बुवाई से पहले जला दिया जाता है। इन अवशेषों को अगर विवेकपूर्ण तरीके से प्रबंधित किया जाए तो मिट्टी के स्वास्थ्य में सुधार, पानी की आवश्यकता को कम करने, जैव विविधता के नुकसान को रोकने और हवा की गुणवत्ता में गिरावट को रोकने में मदद मिल सकती है। इसके लिए कृषि विश्वविद्यालयों और अनुसंधान संस्थानों से जुड़े लोगों को स्मार्ट कृषि पद्धतियों का समर्थन करना चाहिए।
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