उत्तर प्रदेश

सपा-कांग्रेस के सामने ब्रज में प्रभाव दिखाना बहुत बडी चुनौती

Admindelhi1
2 March 2024 4:29 AM GMT
सपा-कांग्रेस के सामने ब्रज में प्रभाव दिखाना बहुत बडी चुनौती
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आगरा मंडल की पांच लोकसभा सीटों में से दो पर कांग्रेस और तीन पर समाजवादी पार्टी चुनाव लड़ेगी

आगरा: आगामी लोकसभा चुनाव के लिए समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच गठबंधन में आगरा मंडल की पांच लोकसभा सीटों में से दो पर कांग्रेस और तीन पर समाजवादी पार्टी चुनाव लड़ेगी. गठबंधन के तीन लोकसभा सीटों पर ठीकठाक ताकत दिखाने की संभावनाएं राजनीतिक विश्लेषक जता रहे हैं. मगर सबसे बड़ी दिक्कत यही है कि ब्रज में कांग्रेस का जमीनी आधार कमजोर है. वहीं, 14 और के चुनाव गवाह हैं कि सपा को गठबंधन रास नहीं आया. ऐसे में दोनों राजनीतिक दलों के गठजोड़ से उनके संगठनों में कितना शक्ति संचार हो पाएगा, ये आने वाला वक्त बताएगा.

वर्ष के लोकसभा चुनाव में सपा, बसपा और रालोद का गठबंधन था. कांग्रेस ने अकेले दम पर चुनाव लड़ा था. तब मंडल में कांग्रेस फतेहपुर सीकरी सीट पर नंबर दो पर रही थी, बाकी सीटों पर उसकी हालत खराब रही थी. सपा ने मंडल की पांच में से एक सीट जीती थी. जबकि एक सीट पर वह दूसरे स्थान पर रही थी. वहीं एक सीट पर रालोद भी दूसरे स्थान पर रही थी. इस चुनाव में परिस्थितियां भिन्न हैं. लोकसभा चुनाव में अब तक एक-दूसरे के खिलाफ ताल ठोंकने वाली सपा और कांग्रेस पहली बार मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं.

गठबंधन से सपा को हर बार नुकसान

14 और के लोकसभा चुनाव में रालोद का खाता भी नहीं खुला था. जबकि में सपा बसपा और रालोद का महा गठबंधन चुनाव मैदान में था. इसके बाद भी आगरा मंडल में सिर्फ सपा ही एक सीट मैनपुरी जीत पाई थी. समाजवादी पार्टी के नेता इन्हीं चुनावों के आधार पर कहते हैं कि वास्तव में सपा को गठबंधन कभी रास नहीं आया.

फतेहपुरसीकरी लोकसभा सीट

मैनपुरी लंबे समय से यहां सपा का वर्चस्व

मैनपुरी लोकसभा सीट की बात करें तो यहां लंबे समय से सपा का वर्चस्व रहा है. इस सीट पर मुलायम और उनके परिवार के सदस्य ही हमेशा ताल ठोंकते रहे. अन्य दल संघर्ष के बाद भी यहां से जीत हासिल नहीं कर पाए. 04, 14 और के चुनाव में मुलायम सिंह यादव चुनाव जीते. इसके बाद मुलायम के आजमगढ़ जाने पर 14 के उपचुनाव में तेज प्रताप चुनाव जीते. में मुलायम सिंह के निधन से रिक्त सीट पर उपचुनाव में उनकी बहू डिंपल यादव ने ये सीट बरकरार रखी.

मथुरा यहां प्रदर्शन उल्लेखनीय नहीं रहा

मथुरा में 09 में रालोद के जयंत चौधरी चुनाव जीते थे. कांग्रेस तीसरे नंबर पर रही थी. 14 में भाजपा की टिकट पर सिने अभिनेत्री हेमामालिनी चुनाव जीतीं. रालोद के जयंत दूसरे नंबर पर रहे थे. तब गठबंधन के चलते कांग्रेस ने अपना प्रत्याशी नहीं उतारा था. सपा चौथे नंबर पर रही थी. में फिर से भाजपा के टिकट पर हेमामालिनी ने चुनाव जीता. तब रालोद ने कुंवर नरेंद्र सिंह को चुनाव मैदान में उतारा था. वे दूसरे नंबर पर रहे थे. कांग्रेस प्रत्याशी महेश पाठक तीसरे नंबर पर रहे थे. सपा व कांग्रेस का पिछले तीन चुनाव में यहां प्रदर्शन उल्लेखनीय नहीं रहा.

फिरोजाबाद यहां सपा दिखा सकती है ताकत

फिरोजाबाद सीट पर भी सपा ने कई बार दम दिखाया. 09 में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने दो जगह से जीत हासिल की. तब उन्होंने कन्नौज सीट चुनी. फिरोजाबाद सीट पर उप चुनाव में उन्होंने अपनी पत्नी डिंपल यादव को मैदान में उतारा, लेकिन उनकी जीत में सिने अभिनेता राजबब्बर बाधा बन गए. उन्होंने डिंपल को हराकर सीट कांग्रेस की झोली में डाल दी थी. उसके बाद 14 में सपा के अक्षय यादव ने चुनाव जीता. मगर में अक्षय भाजपा से चुनाव हार गए. इस बार उनकी हार में बाधा उनके चाचा शिवपाल यादव बने.

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