उत्तर प्रदेश

बिल्डरों को फायदा पहुंचाने के मामले में जांच शुरू

Admin Delhi 1
25 Aug 2023 5:26 AM GMT
बिल्डरों को फायदा पहुंचाने के मामले में जांच शुरू
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स्थानीय निधि लेखा परीक्षा की ऑडिट रिपोर्ट में उठाए गए थे सवाल

नोएडा: ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने अतिरिक्त एफएआर (फ्लोर एरिया रेशियो) देकर बिल्डरों को 11 अरब का फायदा पहुंचने के मामले की जांच शुरू करा दी है. स्थानीय निधि लेखा परीक्षा की ऑडिट रिपोर्ट में इस मामले में उठाए गए थे. इसके अलावा प्राधिकरण की सात महीने में दो बार मरम्मत का कार्य कराने के मामले में दोषी अधिकारियों पर भी कार्रवाई की जाएगी.

स्थानीय निधि लेखा परीक्षा की ऑडिट रिपोर्ट में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को लेकर कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं. वर्ष 2012-13 से 2015-16 तक की यह रिपोर्ट विधानसभा में रखी गई थी. इसमें प्राधिकरण के कार्यों को लेकर सवाल उठाए गए हैं. इस रिपोर्ट के आने के बाद ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण हरकत में आ गया. रिपोर्ट में बताए गए नुकसान के लिए कौन अधिकारी जिम्मेदार हैं, इसको लेकर ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने जांच शुरू करा दी है.

अधिकारियों का कहना है कि जांच रिपोर्ट में पता चल जाएगा कि किन अधिकारियों की वजह से नुकसान हुआ है. इस नुकसान की भरपाई किस तरह से की जाएगी. अब रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई की जाएगी.

इस तरह से आर्थिक क्षति हुई ऑडिट रिपोर्ट में कहा गया है कि ग्रुप हाउसिंग योजना में कई फर्मों को निर्धारित अधिकतम 1.75 एफएआर के स्थान पर 2.75 एफएआर दिया गया. इसके लिए कोई शुल्क नहीं लिया गया, जबकि एफएआर अधिक देने पर रुपये लेने का प्रावधान है. रिपोर्ट में कहा गया है कि इससे प्राधिकरण को 11.0 2 अरब का नुकसान हुआ है. ग्रुप हाउसिंग योजना के आवंटियों को स्वीकृत क्रय योग्य एफएआर की गलत गणना की गई. इससे 15.56 करोड़ की क्षति हुई है. लीज डीड का विलंब शुल्क जमा ना होने से 1.39 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है.

सात महीने में दो बार मरम्मत कराने पर 27 लाख व्यय हुए

ऑडिट रिपोर्ट में कहा गया है कि नॉलेज पार्क-3 में सात माह के भीतर दो बार मरम्मत का काम कराया गया. इस पर 27.66 लाख रुपये खर्च किए गए. इतने कम समय में दो बार मरम्मत कैसे कराई गई. प्राधिकरण में विभिन्न पद स्वीकृत न होते हुए भी ठेकेदारों के माध्यम से विभिन्न कर्मियों की सेवा लेकर उन्हें 1.10 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया. रिपोर्ट में इस भुगतान को गलत बताया गया.

बिना काम के भुगतान किया

स्थानीय निधि लेखा परीक्षा की रिपोर्ट में बताया गया है कि सेक्टर इकोटेक में कार्य ना होने पर अनुचित तरीके से भुगतान किया गया. बिना एमओयू के विभिन्न संस्थाओं को 75 लाख रुपये अग्रिम दे दिए गए. इसे भी रिपोर्ट में गलत बताया गया.

स्थानीय निधि लेखा परीक्षा की ऑडिट रिपोर्ट में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को लेकर कई सवाल उठाए गए हैं. प्राधिकरण को नुकसान कैसे हुआ, इसको लेकर जांच कराई जा रही है. -एनजी रवि कुमार, सीईओ ग्रेटर नोएडा

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