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तहकीकात: तो क्या राजनीतिक वर्चस्व की लड़ाई में हुआ बिट्टू का कत्ल
अलीगढ़: कोतवाली सासनीगेट लोधी विहार इलाके में केबिल ऑपरेटर के बेटे की हत्या के मूल में रंगबाजी के साथ-साथ राजनीतिक द्ववेष की बात सामने आ रही है. क्योंकि हत्या के मूल में दो गुटों में राजनीतिक रसूख का वर्चस्व आड़े आ रहा है. इस हत्याकांड में आपराधिक इतिहास वाले लोग भी शामिल बताए गए हैं. इन दोनों गुटों के बीच पहले भी कई बार झगड़े हो चुके हैं. हालांकि कई मामले पुलिस तक पहुंचे मगर थाने तक से मामला रफा दफा कर दिया गया. एक विवाद में मुकदमा भी हुआ. मगर राजनीति के चलते उस मामले में आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई.
इस विषय में सीओ प्रथम अभय पांडेय कहते हैं कि सभी पहलुओं पर जांच की जा रही है. पुराने झगड़ों को भी देखा जा रहा है. उसी के अनुसार व तहरीर के आधार पर कार्रवाई की जाएगी. इसी गुटबाजी का हिस्सा रहा मृत बिट्टू चार दिन पहले एक शादी समारोह में छर्रा क्षेत्र में गया था. जहां दोनों पक्षों के युवा मौजूद रहे. उसी दौरान दोनों पक्षों में शराब पीने के दौरान विवाद हो गया था. उस समय किसी तरह मामला रफा-दफा कर दिया गया था. हालांकि इस दौरान बिट्टू को देख लेने की धमकी देकर आरोपी चले गए थे. बिट्टू अपने दोस्तों के साथ खड़ा था.
तीन वाहनों पर आए नौ युवक, भिड़ंत: अलीगढ़. गुट के नौ युवक तीन वाहनों पर आए. वे वहां से गुजरे तो बिट्टू से आमना सामना हो गया. इस पर दोनों पक्षों में झगड़ा शुरू हो गया. विवाद बढ़ने पर दोनों पक्षों में मारपीट होने लगी. तभी फायरिंग में बिट्टू की गोली लगने से मौत हो गई. बिट्टू के गोली लगने की सूचना मिलते ही उसके समर्थन के लोग जिला अस्पताल पहुंच गए. मगर वहां चिकित्सकों ने बिट्टू को मृत घोषित कर दिया. इसके बाद समर्थन में आए सभी लोग कोतवाली पहुंच गए. जहां भीड़ लग गई. बताया गया है कि रंगबाजी में बिट्टू युवा भाजपा के एक गुट के नेताओं के साथ घूमता था.