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उत्तर प्रदेश
DIOS को सौंपी गई जांच, GIC की कार्यवाहक प्रधानाचार्य के खिलाफ भ्रष्टाचार का आरोप
Admin4
3 Sep 2022 4:11 PM GMT
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राजकीय इंटर कॉलेज में तैनात कार्यवाहक प्रधानाचार्य के खिलाफ मंडलायुक्त को पत्र भेजकर भ्रष्टाचार में लिप्त होने की शिकायत की गई है। शिकायतकर्ता ने मामले में उच्च स्तरीय जांच कराकर कार्रवाई करने की मांग की है। मंडलायुक्त ने मामले की जांच डीआईओएस को सौंपी है।
कालीबाड़ी निवासी विजेंद्र सिंह ने कार्यवाहक प्रधानाचार्य पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। पत्र में बताया कि प्रधानाचार्य पद पर होने के बावजूद उन्हें नियमों के विपरीत 6 इंटर कॉलेजों का नियंत्रक बनाया गया है। करीब 5 वर्षों से विष्णु इंटर कॉलेज की नियंत्रक होने के कारण वहां के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी से नियम विरुद्ध निजी ड्राइवर के तौर पर कार्य करा रही हैं। इसी कॉलेज की महिला चतुर्थ श्रेणी कर्मी से घर के बर्तन व साफ सफाई का कार्य कराने का भी आरोप लगाया है।
छात्रों से लिया जाता है अभिभावक शुल्क
शिकायतकर्ता की ओर से दो पन्नों में प्रधानाचार्य की 14 शिकायतें की गई हैं। कॉलेज में अभिभावक शुल्क भी लिया जाता है, जबकि शासन द्वारा अभिभावक संघ का शुल्क लिए जाने पर रोक लगा दी गई है। आरोप है कि खुद को फंसता देख डीआईओएस कार्यालय में छात्र संख्या भी वास्तविकता से अधिक भेजी गई है। कॉलेज में 6 से 8 वीं तक सिर्फ एक – एक सेक्शन हैं, यह भी एक से अधिक दी गई है।
जांच में नप सकते हैं कई शिक्षक
शिकायतकर्ता ने भष्टाचार संबंधित मामलों की गंभीरता से जांच कराने की बात कही है। कहा है कि यदि इस मामले में विधिवत जांच की जाए तो भ्रष्टाचार की कई और भी जमीं परतें उधड़ सकती हैं। कई अन्य पर भी कार्रवाई हो सकती है।
कार्यवाहक प्रधानाचार्य बोलीं- सभी आरोप निराधार
मामले में कार्यवाहक प्रधानाचार्य कुसुमलता राजपूत का कहना है कि शिकायतकर्ता की ओर से लगाए गए सभी आरोप बेबुनियाद हैं। वह हर तरह की जांच के लिए तैयार हैं।
डीआईओएस सोमारू प्रधान का कहना है कि मंडलायुक्त से की गई शिकायत की जांच मिली है। प्रथम दृष्ट्या यह सभी आरोप बेहद गंभीर हैं। पूरे प्रकरण की विधिवत जांच शुरू कर दी गई है। जल्द इसकी रिपोर्ट तैयार कर मंडलायुक्त को सौंप दी जाएगी।
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