उत्तर प्रदेश

अन्तराष्ट्रीय इंस्टिट्यूट ऑफ पैकेजिंग की खुलेगी यूपी में शाखा, वैश्विक स्तर की होगी ओडीओपी उत्पादों की पैकेजिंग

Admin Delhi 1
12 July 2022 11:15 AM GMT
अन्तराष्ट्रीय इंस्टिट्यूट ऑफ पैकेजिंग की खुलेगी यूपी में शाखा, वैश्विक स्तर की होगी ओडीओपी उत्पादों की पैकेजिंग
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लखनऊ: मात्र चार साल में ही ओडीओपी (एक जिला एक उत्पाद) योजना मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुसार बेहद लोकप्रिय रही है। जी-7 समिट में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा उस आयोजन में भाग ले रहे राष्ट्राध्यक्षों एवं प्रधानमंत्रियों को यूपी के ओडीओपी उत्पाद स्मृतिचिन्ह के रूप में दिये जाने के बाद इसकी ब्रांड वैल्यू और बढ़ी है। इन उत्पादों को लेकर देश-दुनिया में लोगों की उत्सुकता बढ़ी है। चूंकि जमाना पैकेजिंग और ब्रांडिंग का है। ऐसे में मुख्यमंत्री की मंशा के अनुसार अब पैकेजिंग एवं ब्रांडिंग पर खासा जोर होगा। इन उत्पादों की पैकेजिंग वैश्विक स्तर की हो इसके लिए एमएसएमई विभाग अंतराष्ट्रीय इंस्टीट्यूट ऑफ पैकेजिंग से प्रदेश में इस संस्था की एक शाखा खोलने के बाबत बात कर रहा है। इसके लिए सरकार संस्था को इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन में जगह देने के बाबत भी सोच रही है।

पैकेजिंग के लिए मिलेगा प्रशिक्षण: संस्था के खुलने के बाद जिलों के ओडीओपी उत्पादों की जरूरत के अनुसार पैकेजिंग के लिए प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। उत्पाद बाजार की मांग के अनुसार गुणवत्ता में वैश्विक स्तर के हों, इसके लिए हर जिले को एक स्थानीय तकनीकी संस्थान से जोड़ा जाएगा। अपर मुख्य सचिव एमएसएमई नवनीत सहगल के अनुसार यह कार्यवाई तीन हफ्ते के अंदर होनी है।

पैकेजिंग के साथ ब्रांडिंग पर भी बराबर को जोर: कहा गया है कि जो दिखेगा, वही बिकेगा। इसके लिए इसके प्रदर्शन पर जोर होगा। मूख्यमंत्री की मंशा के अनुसार केंद्र सरकार के हर मंत्रालय के कार्यालय में ओडीओपी के कम से कम एक आउटलेट खोले जाएंगे। यहां तैनात कर्मचारियों को इस तरह प्रशिक्षित किया जाएगा कि वह उत्पाद की खूबियों के बारे में आगन्तुकों को बेहतर तरीके से बता सके। इसी तरह के आउटलेट मंडल स्तर के रेलवे स्टेशनों और प्रमुख एयरपोर्ट्स पर भी खोले जाएंगे।

देश-दुनिया में ऐसे उत्पादों की आयोजित होने प्रदर्शनियों में ओडीओपी के उत्पादों का अधिक से अधिक प्रतिभाग हो इसके लिए इनमें जाने वालों के खर्च के साथ उनके रहने का व्यय भी सरकार वहन करेगी। देश-दुनिया में होने वाले ऐसे आयोजनों का विभाग एक कैलेंडर तैयार करेगी। इन प्रदर्शनियों की खासियत के अनुसार ओडीओपी के उत्पादों को प्रतिनिधित्व दिया जाएगा। ऑनलाइन बाजार के बढ़ते क्रेज के मद्देनजर सरकार इसके ऑनलाइन प्लेटफॉर्म को और विस्तार देगी। इस बाबत पहले ही अमेजन एवं फ्लिपकार्ट जैसी ऑनलाइन दिग्गज कंपनियों से मेमोरंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग हो चुका है। हाल ही में सरकार और अमेजन के बीच एक एमओयू पर दस्तखत किए गए हैं। अमेजन कानपुर में एक डिजिटल केंद्र केंद्र स्थापित किया है। इससे ओडीओपी इकाइयों को अपना उत्पादन बेचने का देश-दुनिया में बड़ा प्लेटफॉर्म उपलब्ध होगा।

सरकार के अब तक के प्रयास: मालूम हो कि 24 जनवरी 2018 में उत्तर प्रदेश के प्रथम स्थापना दिवस पर ओडीओपी योजना लांच हुई थी। इसके बाद से सरकार लगातार ओडीओपी उत्पादों की ब्रांडिंग में कोई कोर नहीं छोड़ा है। सिद्धार्थनर का कालानमक चावल महोत्सव, मुजफ्फरनगर एवं लखनऊ में आयोजित गुड़ महोत्सव इसका प्रमाण है। मुख्यमंत्री खुद अपने लगभग सभी सार्वजनिक संबोधनों में ओडीओपी का जिक्र जरूर करते हैं। मकसद एक ही है।

उत्तर प्रदेश के ओडीओपी उत्पाद देश-दुनियां में ब्रांड बनें। इसमें कॉमन फैसिलिटी सेंटर (सीएफसी( की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। ये ऐसे केंद्र होंगे जहां एक ही छत के नीचे संबंधित जिले के ओडीओपी उत्पाद की ग्रेडिंग, पैकिंग, स्टोर समय जरूरत की सभी सुविधाएं उपलब्ध होंगी। ऐसे ही 5 सीएफसी केंद्रों- सीतापुर, आगरा, आजमगढ़, सिद्धार्थनगर और अम्बेडकरनगर का लोकार्पण हाल ही में मुख्यमंत्री ने किया था। इस तरह के सीएफसी हर जिले में बननी है। यही नहीं ओडीओपी के लिए ही सिडबी की मदद से 35 जिलों में स्वावलंबन केंद्र स्थापित किए गए हैं। इस तरह के केंद्र हर जिले में स्थापित किए जाने हैं। जमाना ऑनलाइन बाजार का है।

क्वालिटी के साथ एक जनपद एक उत्पाद के बिक्री आदि से सम्बन्धित जनपदों के रैकिंग कराने की शीघ्र व्यवस्था भी सरकार करना जा रही है । तथा यह प्रयास अगले तीन माह में प्रत्येक जनपद में गुणवत्तायुक्त पैकेजिंग की व्यवस्था के साथ सुनिश्चित किया जायेगा ।

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