उत्तर प्रदेश

एक परिवार ने 18 साल की मृत बेटी के शव का अंतिम संस्कार करने की बजाय उसे घर में छिपाए रखा जाने क्यों?

Teja
3 July 2022 10:31 AM GMT
एक परिवार ने 18 साल की मृत बेटी के शव का अंतिम संस्कार करने की बजाय उसे घर में छिपाए रखा जाने क्यों?
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बेटी के शव के साथ 5 दिन से रह रहा था परिवार

परिवार के किसी सदस्य की मौत के बाद आम तौर पर लोग क्या करते हैं? शरीर का अंतिम संस्कार और मृत व्यक्ति की आत्मा की शांति के लिए हवन व शांतिपाठ, लेकिन प्रयागराज के एक परिवार ने 18 साल की मृत बेटी अंतिमा का शव का अंतिम संस्कार करने की बजाय उसे घर में छिपाए रखा. इस उम्मीद में कि उनकी लड़की उठ बैठेगी और पुनः जीवित हो जाएगी, जिसके लिए उन्हें तंत्र मंत्र का सहारा था. इतना ही नहीं घर में मौजूद इस परिवार के सभी 12 लोग बीते 5 दिनों से खाना भी नहीं खा रहे थे, केवल गंगाजल पीकर रह रहे थे.

लेकिन, परिवार की उम्मीद तब टूटी जब घर से दुर्गंध आने पर पड़ोसियों ने इसकी सूचना पुलिस को दे दी. ग्रामीणों की सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस ने दरवाजा खुलवाया तो अंदर का दृश्य देखकर पुलिसकर्मियों के होश उड़ गए. घर के अंदर एक कमरे में अंतिमा का शव पड़ा था, जिसके इर्द-गिर्द तंत्र मंत्र की सामग्री बिखरी थी. शव कई दिन पुराना था और उससे दुर्गंध आ रही थी. इतना ही नहीं घर के अंदर तमाम सदस्य बीमार अवस्था में थे. इनमें मृतका की तीन बहनें, तीन भाई और उनके 5 बच्चे शामिल थे, जिसमें 5 साल की एक बच्ची कृति की हालत बेहद गंभीर थी. बीमार पाए गए सभी 11 सदस्यों को पुलिस ने अस्पताल भेजवाया, जबकि घर के मालिक और मृतका का पिता अभयराज जो स्वस्थ्य था उसे पूछताछ के लिए हिरासत में ले लिया.
जानकारी के मुताबिक, अभयराज घर में आए दिन तंत्र मंत्र करता था. उसके घर तमाम अनजान और विचित्र वेशभूषा के लोग आते जाते थे. जानकारी के मुताबिक बेटी अंतिमा के बीमार पड़ने पर अभयराज ने उसका इलाज करवाने की बजाय तंत्र मंत्र का सहारा लिया, लेकिन तब तक बेटी दम तोड़ चुकी थी. बावजूद इसके वो पूजा पाठ में जुटा रहा. इस दौरान घर के दूसरे लोग भी बीमार हो गए, लेकिन अभयराज अपने परिवार के साथ तंत्रमंत्र में जुटा रहा. उन्हें यकीन था कि एक दिन न सिर्फ बेटी अंतिमा जी उठेगी बल्कि परिवार के दूसरे सदस्य भी स्वस्थ हो जाएंगे.
चौंकाने की बात ये है कि अभयराज ने तांत्रिक क्रिया के दौरान परिवार के सदस्यों के खाने पीने पर भी पूरी तरह रोक लगा रखी थी. घर के लोग केवल गंगाजल पी रहे थे. इस घटना में सबसे चौंकाने वाली बात ये है कि अभयराज का पूरा परिवार पढ़ा लिखा था उसकी सभी 5 बेटियां और 3 बेटे ग्रेजुएट हैं. बावजूद इसके वो अंधविश्वास के मकड़जाल में फंसे हुए थे. पूरा मामला करछना तहसील के डीहा गांव का है. पुलिस ने अंतिमा के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है, जबकि अभयराज को हिरासत में लेकर पूछताछ जारी है. वहीं, इस घटना के बाद से इलाके में तरह-तरह की चर्चाएं हो रहीं है, अफवाहों का बाजार गर्म है.




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