उत्तर प्रदेश

महिला थानेदार से हुआ दरोगा का विवाद, मामला अधिकारियों तक पहुँचा

Admindelhi1
9 April 2024 7:58 AM GMT
महिला थानेदार से हुआ दरोगा का विवाद, मामला अधिकारियों तक पहुँचा
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विवाद थाने में चर्चा का विषय बना हुआ है

आगरा: सिटी जोन के थाने में दरोगा का महिला इंस्पेक्टर से विवाद हो गया. दरोगा आपा खो बैठा. उल्टा सीधा बोलने लगा. मामला अधिकारियों तक पहुंच गया. दोनों को बुलाया गया था. महिला थानेदार ने पूर्व में भी दरोगा के खिलाफ रिपोर्ट भेजी थी, लेकिन उसके खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई. विवाद थाने में चर्चा का विषय बना हुआ है.

घटना की है. महिला थाने की प्रभारी हैं. उनके निर्देश दरोगा को रास नहीं आए. दरोगा ने तेज आवाज में चीखना शुरू कर दिया. पुलिस कर्मियों की मानें तो विवाद सिर्फ तकरार तक सीमित नहीं रहा. दरोगा ने गुस्से में अपशब्द भी बोले. तुरंत यह मामला अधिकारियों तक पहुंच गया. अधिकारी ने दोनों को अपने कार्यालय बुलाया. दरोगा को हिदायत दी गई. बताया जा रहा है कि महिला थानेदार ने यहां तक बोला कि उन्हें हटा दिया जाए. ऐसे कैसे काम कर पाएंगी. उनके पास थाने का चार्ज है. सवाल-जवाब उनसे होंगे. काम के लिए बोलना कोई अपराध तो नहीं. दरोगा को यह पसंद नहीं है कि वह उसे निर्देश दें. दरोगा ने भी अपना पक्ष रखा. इस मामले में कोई अधिकारी कुछ बोलने को तैयार नहीं है. मामले को फिलहाल रफा-दफा कर दिया गया है. वहीं चर्चा यह भी है कि दरोगा ने भी महिला थानेदार की कोई शिकायत की है. हालांकि कोई अधिकारी शिकायत की पुष्टि नहीं कर रहा है.

धोखाधड़ी के आरोपी को जमानत

सत्र न्यायाधीश विवेक संगल ने थाना ट्रांस यमुना के धोखाधड़ी के मामले में आरोपी धर्मवीर उर्फ बुद्धा का जमानत प्रार्थनापत्र सशर्त मंजूर कर लिया है. विजय कुमार जैसवाल ने पुलिस को प्रार्थनापत्र देते हुए कहा कि उसने बीघा जमीन 17 जववरी 2001 को विजय सिंह से से क्रय की थी. आरोपी धर्मवीर सिंह उर्फ बुद्धा की जमीन पर नजर थी. आरोपी की ओर से अधिवक्ता रामप्रकाश शर्मा, पुष्पेन्द्र पचौरी और हर्षुल राठौर ने तर्क दिए कि आरोपी निर्दोष है. रिपोर्ट देरी से लिखाई गई है. आरोपी द्वारा किसी भी प्रपत्र की कूटरचना नहीं की गई है और न ही किसी के पक्ष में कोई फर्जी बैनामा किया गया है.

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