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- लूट का मुकदमा नहीं...
लखनऊ न्यूज़: ठाकुरगंज में दवा फर्म कर्मी की बेटी को बंधक बना कर साढ़े तीन लाख के जेवर लूटने की घटना में कार्रवाई नहीं करने पर दरोगा और सिपाही को निलंबित किया गया है. आरोपी पुलिस कर्मियों ने तहरीर मिलने के बाद भी मुकदमा नहीं लिखा था. वरिष्ठ अधिकारियों से भी घटना छिपाई थी. शुरुआती जांच में इसकी पुष्टि होने पर कार्रवाई की गई है. वहीं, लूट को अंजाम देने के शक में दो संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है.
गौशाला रोड निवासी सोमेश सेठ शाम को पत्नी छवि संग बाजार गए थे. घर में बेटी शिखा अकेले थी. सोमेश के बाहर निकलते ही दो बदमाश दीवार फांद कर घर में दाखिल हुए थे. जिन्होंने शिखा को बंधक बनाते हुए करीब साढ़े तीन लाख रुपये के जेवर लूट लिए थे. बदमाशों के भागने के बाद शिखा ने राहगीर की मदद से पिता को फोन कर वारदात की सूचना दी थी. सोमेश ने आरोप लगाया था कि वह रात में बालागंज चौकी पहुंच कर शिकायत की थी. जहां मौजूद दीवान प्रदीप आजाद ने सोमेश को आम्रपाली चौकी जाने के लिए कहा था. वहां पहुंच कर चौकी इंचार्ज रमापति सिंह से सोमेश ने मुलाकात की. लूट की घटना का पता चलने के बाद भी दरोगा ने पीड़ित को टरका दिया. एडीसीपी चिरंजीव नाथ सिन्हा के मुताबिक आरोपों की गम्भीरता को देखते हुए प्राथमिक जांच कराई गई थी. जिसमें दरोगा रमापति सिंह और सिपाही प्रदीप की भूमिका संदिग्ध मिली. लूट की सूचना के बाद भी दरोगा और सिपाही ने कार्रवाई नहीं की. पीड़ित के सम्पर्क करने पर वरिष्ठ अधिकारियों को घटना का पता चला. कर्तव्य में लापरवाही बरतने के आरोप में निलंबित किया गया है.
फुटेज की मदद से दो संदिग्ध दबोचे गए: लूट की वारदात कर बदमाश सोमेश के घर की दीवार फांद कर भागे थे. वहीं, शिखा ने भी बदमाशों के हुलिए के बारे में पुलिस को जानकारी दी थी. जिसके आधार पर घटनास्थल के पास लगे सीसी कैमरों को खंगाला गया. छानबीन में बताए गए हुलिए से मेल खाते हुए दो संदिग्धों को दबोचा गया है. जिनसे पूछताछ की जा रही है. शुरुआती जांच में आरोपी के पास से कुछ जेवर भी मिलने की बात सामने आई है.