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आवासीय कॉलोनी का नहीं किया निरीक्षण, सदर तहसील में आधी आबादी साहब से मिलने के इंतजार में रह गई
मेरठ न्यूज़: सदर तहसील का मंगलवार को निरीक्षण करने पहुंचे उत्तर प्रदेश राजस्व परिषद के अध्यक्ष संजीव मित्तल ने बस वहीं देखा जोकि जिले एवं तहसील के अधिकारियों को उन्हे दिखाना था। उसके अतिरिक्त उन्होंने अपने स्तर कुछ देखने एक जानने का प्रयास नहीं किया। उसमें तहसील में शिकायत लेकर आये फरियादी ही नहीं, बल्कि तहसील परिसर की आवासीय कॉलोनी में रहने वाली आधी आबादी भी अपनी बात उन तक नहीं पहुंचा सकी।
बताया गया कि बसपा सरकार के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के निरीक्षण के दौरान रंगाई-पुताई के साथ ही समूची तहसील का जीर्णोंद्धार किया गया था, लेकिन इस बार केवल तहसील कार्यालय की ही कायाकल्प किया गया, लेकिन आवासीय कॉलोनी की तरफ किसी ने ध्यान नहीं दिया। वहीं, तहसील परिसर एवं आवासीय कॉलोनी की एक साइड की दीवार भी ढही पड़ी है और दीवार की जगह बांस बल्ली के सहारे, तिरपाल आदि लगा रखी है, ताकि आवासीय कॉलोनी में कोई बाहरी आ जा न सके।
उत्तर प्रदेश लखनऊ से जब कोई बड़ा मंत्री या अधिकारी जिले एवं तहसील का निरीक्षण करने आता है तो उससे आम जनता के साथ कुछ कर्मचारियों के द्वारा अपनी समस्या आदि रखने का मन होता है, ताकि जिले या तहसील स्तर के अधिकारी के द्वारा जो उनकी बातें नहीं सुनी जाती वह उनकी अवाज सीधे सरकार तक पहुंच सके, लेकिन जिले के डीएम व तहसील पर एसडीएम स्तर के अधिकारी पहले ही लखनऊ स्तर से आने वाले अधिकारी को कैसे हैंडल करना है।
उसकी भूमिका पहले से ही तैयार कर लेते हैं। वहीं, समय के अभाव व अन्य कारण से लखनऊ के अधिकारी भी इस तरह की समस्या पर ध्यान देने पर कोई ज्यादा तवज्यो देते दिखाई नहीं देते। उन्हे भी अपने सकारी कार्यक्रम के अनुसार निर्धारित समय में निरीक्षण करना होता हैं। ठीक वैसा ही मामला मेरठ सदर तहसील के निरीक्षण के दौरान देखने को मिला। जिसमें करीब आठ दस दिनों से दिन रात जिले व तहसील के अधिकारी उत्तर प्रदेश राजस्व परिषद के चेयरमैन के निरीक्षण की तैयारी में जुटे थे।
जिसमें उन्होंने रिकॉर्ड मेंटेन एवं तहसील परिषद की कायाकल्प को खूब पसीना बहाया और उनकी सांसे फूली रही। वहीं, साहब निर्धारित समय से घंटों देरी से पहुंचे और 15 मिनट में ही पूरी तहसील का निरीक्षण कर लिया। वहीं, कुछ फरियादी पहुंचे उनकी भी समस्या नहीं सुनी और तहसील स्तर के अधिकारियों से ही अपनी बात रखने को कहते हुए समस्या डीएम व एसडीएम से देख लेने को कहते हुए अपने निरीक्षण कार्यक्रम में मसगूल दिखाई दिये।
वहीं, उन्होंने करीब 45 मिनट तक एसडीएम कार्यालय में फाइलों का निरीक्षण किया। इस दौरान गेट पर अपने अर्दली व पुलिस कर्मी तैनात कर दिये, ताकि कोई बंद कमरे में होने वाली समीक्षा या खामी के बारे में न जान सके। एसडीएम कार्यालय से चंद कदम की दूरी पर तहसील कर्मियों के आवास हैं। जिसमें भवन काफी जर्जर हो गये हैं। काफी समय से आवासीय कॉलोनी में कोई रंगाई पुताई नहीं हुई।
जबकि चारदीवारी भी ध्वस्त हो गई हैं। जिसमें आधी आबादी, तहसील कर्मियों की महिलाएं एवं बच्चे अपनी बात लखनऊ से आये उत्तर प्रदेश राजस्व परिषद के अध्यक्ष संजीव मित्तल तक तक पहुंचाना चाहते थे। वह घंटों तक उनके इंतजार में खडेÞ रहे। जैसे ही वह एसडीएम कार्यालय से निकले तो कुछ महिलाओं ने उन तक अपनी बात पहुंचाने के लिये आवाज भी लगाई, लेकिन उन्होंने उनकी तरफ देखा तक नहीं और वह सीधे पौधरोपण कर तहसील से काफिले के साथ रवाना हो गये।