उत्तर प्रदेश

प्रारंभिक जांच रिपोर्ट शासन को भेजी, अस्पताल में मरीजों की भर्ती दो दिन से बंद

Admin2
30 Jun 2023 10:00 AM GMT
प्रारंभिक जांच रिपोर्ट शासन को भेजी, अस्पताल में मरीजों की भर्ती दो दिन से बंद
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उत्तर प्रदेश | ढाई साल के बच्चे का खतना करने के मामले में डॉ. एम खान अस्पताल पर अब शासन के निर्देश का इंतजार किया जा रहा है. जांच कमेटी ने अपनी रिपोर्ट शासन को भेज दी है जिसमें किसी प्रकार की चिकित्सकीय लापरवाही नहीं मिलने की बात लिखी है. लेकिन यह जरूर माना है कि बच्चे के घरवालों को भरोसे में लिए बिना ही उसका आपरेशन किया गया था. इसी आधार पर अस्पताल का लाइसेंस सस्पेंड किया गया है.
संजयनगर के रहने वाले हरिमोहन के बेटे सम्राट की जीभ जन्म से तालू से चिपकी है. पिता के मुताबिक, वह बेटे के जीभ का आपरेशन (तुतना) कराने डॉ. एम खान अस्पताल गए थे. वहां डाक्टर ने बेटे का खतना कर दिया. मामला गरमाने के बाद प्रकरण लखनऊ तक पहुंच गया. डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने सीएमओ को निर्देश दिया कि कमेटी बनाकर मामले की जांच की जाए. जांच रिपोर्ट आने के बाद अगर अस्पताल दोषी हो तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाए. चार सदस्यीय टीम ने अपनी जांच रिपोर्ट सीएमओ को भेज दी है जिसे शासन को भी भेज दिया गया है. जांच रिपोर्ट में दोनों पक्षों की बात को सुनने के बाद पाया गया कि चिकित्सकीय लापरवाही नहीं मिली है.
अस्पताल में मरीजों की भर्ती दो दिन से बंद शुरूआती जांच के बाद सीएमओ डॉ. बलवीर सिंह ने डॉ. एम खान अस्पताल का पंजीकरण निलंबित कर दिया था. घरवालों के बयान से यह साफ है कि उनको आपरेशन के बारे में स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई थी. दो दिन से अस्पताल में मरीजों का इलाज बंद है. नए मरीज भर्ती नहीं किए जा रहे हैं.
जांच में सबसे महत्वपूर्ण बयान साबित हुआ अस्पताल की वार्ड आया है. वार्ड आया हरिमोहन की पड़ोसी है. पहली बार वह वार्ड आया ही बच्चे को लेकर डाक्टर के पास गई थी. दूसरी बार भी वार्ड आया ही बच्चे को लेकर आपरेशन थिएटर में गई थी. जब विवाद हुआ और मामले की जांच शुरू हुई तो वार्ड आया का बयान सबसे अहम साबित हुआ. परिजनों ने बयान दिया कि बच्चे की जीभ का आपरेशन कराने गए थे, डाक्टर ने कहा कि मूत्रमार्ग संक्रमण का आपरेशन कराने आए थे. वार्ड आया ने अपने बयान में चिकित्सक के बयान को दोहराया.
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