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झांसी में उद्योग जगत करेगा एक लाख करोड़ से ज्यादा का निवेश
लखनऊ न्यूज़: यूपी के जिलों में स्थानीय स्तर पर हो रही इन्वेस्टर्स समिट में झांसी ने अब तक सभी जिलों का रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का विशेष फोकस बुंदेलखंड के विकास को लेकर रहता है, इसके सकारात्मक नतीजे भी सामने आए हैं.
झांसी में आयोजित हुए इन्वेस्टर्स समिट में बताया गया कि अब तक 1,11,610.90 करोड़ रुपये के 146 से अधिक प्रस्ताव सरकार को मिल चुके हैं, जिनमें से लगभग 65 हजार करोड़ के निवेश के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर भी हो चुके हैं. इनमें ऊर्जा के क्षेत्र में सबसे अधिक का एमओयू हुआ है, जो तकरीबन 50 हजार करोड़ रुपये का है.
निवेशकों को प्रोत्साहित करने, उन्हें सरकार की योजनाओं से अवगत कराने और उनकी समस्याओं का निदान करने के मकसद से झांसी इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन किया गया. इस समिट में स्थानीय उद्यमियों के साथ ही देश के दूसरे हिस्सों से आये निवेशकों ने भी हिस्सा लिया .
सबसे अधिक एनर्जी सेक्टर में दिलचस्पी झांसी इन्वेस्टर्स समिट में भारत सरकार के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम राज्यमंत्री भानु प्रताप सिंह वर्मा ने निवेशकों को सरकार की ओर से मिलने वाली योजनाओं और प्रोत्साहन की जानकारी दी. अभी तक जिन निवेशकों ने झांसी के लिए सरकार के सामने प्रस्ताव दिए हैं और एमओयू किया है, उनसे बातचीत कर प्रशासनिक और विभागीय अफसरों ने तकनीकी बिंदुओं और उपलब्ध सुविधाओं की जानकारी दी. झांसी में सबसे अधिक निवेशक ऊर्जा क्षेत्र में दिलचस्पी ले रहे हैं. इसके साथ ही पर्यटन, हाऊसिंग, डिफेन्स और एमएसएमई क्षेत्रों में भी निवेशकों ने दिलचस्पी दिखाई है.
58 हजार से अधिक रोजगार के अवसर
झांसी के सीडीओ ने बताया कि जिले में सबसे अधिक निवेश एनर्जी सेक्टर में आ रहा है. इसमें लगभग 50 हजार करोड़ के प्रस्ताव आए हैं. टूरिज्म और हाऊसिंग की कई यूनिट्स यहां आ रही हैं. इन्हें धरातल पर ले आने से लगभग 58 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा. हम योजनाओं के लिए जमीन उपलब्ध कराने के लिए प्रयास कर रहे हैं. बुंदेलखंड पर केंद्रित योजनाओं में जो छूट है, उसके बारे में हम निवेशकों को जानकारी दे रहे हैं.
डिफेंस कॉरिडोर में भी शुरू होगा काम
केंद्रीय मंत्री भानु प्रताप सिंह वर्मा ने कहा कि झांसी के लिए 65 हजार करोड़ रुपये के एमओयू पर हस्ताक्षर हो चुके हैं. उत्तर प्रदेश में सीएम योगी आदित्यनाथ कानून-व्यवस्था को लेकर जीरो टालरेंस की नीति पर काम कर रहे हैं. इसी कारण एमएसएमई और उद्योग की पॉलिसी में लाभ लेने के लिए निवेशक उत्तर प्रदेश में आ रहे हैं और उद्योग लगा रहे हैं. रक्षा के क्षेत्र में जो कल पुर्जे अभी तक बाहर से आते थे, वे अब झांसी के डिफेन्स कॉरिडोर में बनेंगे.