उत्तर प्रदेश

औद्योगिक-वा‌णिज्यिक संस्थान बगैर अनुमति के नहीं कर सकेंगे भूगर्भ जल दोहन

Admin4
4 Nov 2022 6:15 PM GMT
औद्योगिक-वा‌णिज्यिक संस्थान बगैर अनुमति के नहीं कर सकेंगे भूगर्भ जल दोहन
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इटावा। बिना पंजीकरण और अनापत्ति प्रमाण पत्र के भूगर्भ जल का दोहन करना अब दंडनीय अपराध की श्रेणी में शामिल होगा। उत्तर प्रदेश भूगर्भ जल अधिनियम 2019 की धारा 39 के अंतर्गत बिना अपनापत्ति और अनु‌मति के भूगर्भ जल दोहन करने के दोषी पाए गए व्यक्ति को 2 से 5 लाख रुपये तक का जुर्माना और छह माह का कारावास अथवा दोनों दंड दिए जा सकते हैं। भूजल उपयोग करने वालों को 15 दिन की मोहलत दी गई है। इस अवधि में रजिस्ट्रेशन न कराने वालों को कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।
जिलाधिकारी अवनीश राय ने बताया कि औद्योगिक, वाणिज्यिक, अवसंरचनात्मक, आरओ प्लांट और सामूहिक उपयोगकर्ताओं को भूजल के उपयोग के लिए अनापत्ति प्रमाण-पत्र (एनओसी)/पंजीकरण का प्रावधान किया गया है। इसके अतिरिक्त भूगर्भ कूप निर्माण की समस्त ड्रिलिंग संस्थाओं का पंजीकरण अनिवार्य किया गया है। होटल, लॉज,/आवासीय कालौनियों, रिजोर्ट, निजी चिकित्सालय, शापिंग माल, मैरिज होम, ड्रिंकिंग वाटर प्लान्ट, स्लाटर हाउस, वाहन धुलाई केन्द्र सहित मौजूदा एवं प्रस्तावित भूजल उपयोगकर्ताओं को तत्काल भूगर्भ जल की वेबसाइट http://upgwdonline.in ऑनलाइन आवेदन कर पंजीकरण कर अनापत्ति प्रमाण-पत्र प्राप्त लेनाहोगा। आवेदन से संबंधित किसी भी अन्य जानकारी के लिए सहायक अभियन्ता, लघु सिंचाई, उपखंड इटावा के कार्यालय में संपर्क कर सकते हैं।
पंजीकरण कराने के लिए एक माह की समय सीमा निर्धारित की गई थी। एक माह से अधिक समय व्यतीत होने के उपरान्त भी वेबसाइट पर पंजीकरण के लिए किसी ने आवेदन नहीं किया है। उन्होंने कहा कि 15 दिन के अन्दर भूगर्भ जल की वेबसाइट पर अनापत्ति प्रमाण-पत्र /रजिस्ट्रेशन के लिए नोटिस जारी किया गया है। जिला भूगर्भ जल प्रबंधन परिषद के नोडल अधिकारी के रूप में सहायक अभियंता लघु सिंचाई रवीन्द्र कुमार ने बताया के यह आदेश शहरी और ग्रामीण दोनों ही क्षेत्रों में प्रभावी होगा।
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