उत्तर प्रदेश

भारतीय गोवंश को विदेशों में किया जा रहा संरक्षित, ब्राजील और इजराइल में यूपी की गंगागीरी नस्ल के एक सांड की कीमत पांच करोड़

Renuka Sahu
7 Aug 2022 6:14 AM GMT
Indian cows are being protected abroad, in Brazil and Israel, one bull of UPs Gangagiri breed costs five crores
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फाइल फोटो 

भारत में देसी गोवंश की लंबे समय से उपेक्षा की जा रही है जबकि दुनिया के 50 से अधिक देशों में भारतीय गोवंश संरक्षित किया गया है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। भारत में देसी गोवंश की लंबे समय से उपेक्षा की जा रही है जबकि दुनिया के 50 से अधिक देशों में भारतीय गोवंश संरक्षित किया गया है। उत्तर प्रदेश की गंगातीरी नस्ल विदेशों में ब्राह्मण ब्रीड के नाम से धाक जमाए हुए है। ब्राजील और इजराइल में इस नस्ल के एक सांड़ की कीमत पांच करोड़ रुपये तक है।

यह जानकारी गो विज्ञान अनुसंधान केंद्र देवलापार, नागपुर के समन्वयक सुनील मानसिंहका ने दी। बीएचयू में चल रही देसी गोवंश आधारित कृषि पर केंद्रित तीन दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी में भाग लेने आए मानसिंहका ने 'हिन्दुस्तान' से खास बातचीत में बताया कि अमेरिकी और यूरोपीय देशों में एक करोड़ से अधिक भारतीय नस्ल का गोवंश संरक्षित करने के साथ संवर्द्धित भी किया गया है। उन्होंने बताया कि गुजरात की गीर, साहीवाल, कांकरेज, थारपारकर तथा ओंगोल नस्ल के भारतीय गोवंशों को सर्वाधिक संरक्षण मिला है। बीते दो सौ सालों में इन भारतीय नस्लों को दुनिया के अलग अलग देशों में पहुंचाया गया।
लेकिन काशी से कहां गुम हो गए सांड़
बीएचयू में देसी गोवंश आधारित कृषि के मंथन के लिए जुटे देश भर के वैज्ञानिक, शोधकर्ता और सामाजिक कार्यकर्ताओं में कुछ ऐसे भी हैं जो बनारस से गहरा नाता रखते हैं। उनका सवाल था कि शिव नगरी में स्वच्छंद विचरण करने वाले सांड़ कहां चले गए। बीएचयू में अध्ययन करने के बाद दरभंगा के महाविद्यालय में शिक्षक प्रो. शिवेंद्रशंकर पांडेय, बीएचयू के पुराने छात्र रहे प्रयागराज से आए डॉ. एसके सिंह आदि ने कहा कि पत्थर का नंदी तो दिखा लेकिन जीवित सांड़ शहर में नहीं दिखे।
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