उत्तर प्रदेश

भारत के रहे हैं कई नाम, झगड़े की बात नहीं: इरफान हबीब

Admin Delhi 1
16 Sep 2023 3:31 AM GMT
भारत के रहे हैं कई नाम, झगड़े की बात नहीं: इरफान हबीब
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अलीगढ़: उन्होंने यह बातें एक चैनल को दिए इंटरव्यू में कही हैं. दरअसल इन दिनों देशभर में इन दिनों भारत और इंडिया के नाम को लेकर राजनीतिक दलों में बहस जारी है. तमाम राजनेता देश के नाम को अपनी-अपनी तरह से रखने की पैरवी करते नजर आ रहे हैं. हाल में ही जी-20 की बैठक में रात्रिभोज के पत्र में लिखे गए प्रेसीडेंट ऑफ भारत व बैठक में नाम पट्टिकाओं पर भारत लिखे जाने से भी बहस और बढ़ गई है. ऐसे में इतिहासकार ने कहा है कि भारत एक बड़ा देश रहा है,

उसके नामे-जमाने में किसी को ख्याल नहीं था, कि यह देश है, यह जब अंदाजा हुआ कि इस देश की अपनी अलग हैसियत है तो नाम लगने शुरू हुए. अगर हम इतिहास को देखें तो एक नाम अशोक के जमाने में आया जम्बूद्वीपा है. पहला यही नाम इस देश का जो इतिहास में मिलता है. अशोक के शासनकाल के बाद जिसका जिक्र इतिहास में मिलता है कि भारत का लफ्ज पहली दफा आया. संस्कृत में आर्यावर्त भी कहा गया. हिमालय व नर्मदा के बीच के देश जिसे उत्तर भारत कहा जाता था, उसे आर्यावर्त कहते थे. इसका जिक्र कौटिल्य के अर्थशास्त्रत्त् व मनु स्मृति से भी जाहिर होता है. पूरे भारत का आइडिया, सबसे पहले अशोक के शासन में ही मिलता है. उन्होंने कहा कि भारत का नाम तो था ही और भी नाम थे, हिन्दुस्तान भी था. 700-800 साल में हिन्दुस्तान ज्यादा कॉमन था. हर देश में यह होता है, उसके कई नाम होते हैं. ऐसा नहीं है कि कोई एक नाम हो. एक हजार ईसवीं तक कोई राजा जो शक्तिशाली होता था, तो वह कहता था कि मैं भारत फतह कर लूंगा

ईरान का कब्जा होने पर पाकका नाम हिन्दुष था

इतिहासकार ने कहा कि सिन्धु नदी जो है, यह संस्कृत का नाम है. इसके साथ ह्री ईरान की जुबां फारसी है. इसमें स की जगह ह कहा जाता था. उनकी जुबां में सिन्धु का नाम हिन्धु कहा जाता था. जब ईरानियों की हुकूमत यहां हुई, आज जहां पाक है, वहां ईरान का कब्जा हुआ, तो उन्होंने हिन्दुष रखा. इसके बाद वहां ग्रीक आए तो उनकी जुबां में स ड्राप हो जाता था, तब सिन्धु को इन्दु कहा जाने लगा था. यह क्रम कई दशकों तक जारी रहा था.

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