उत्तर प्रदेश

हर हाल में रोके जाएंगे वृंदावन जैसे हादसे: केशव

Admin Delhi 1
21 Aug 2023 4:01 AM GMT
हर हाल में रोके जाएंगे वृंदावन जैसे हादसे: केशव
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बांके बिहारी के दर्शन को कदम-कदम पर खतरा

मथुरा: उपमुख्यमंत्री केशवप्रसाद मौर्य ने कहा है कि वृंदावन के हालिया घटना जैसी दोबारा न हो, इसके लिए सख्त से सख्त कदम उठाए जाएंगे.

वर्तमान परिस्थितियों में बिहारीजी कॉरीडोर को लेकर डिप्टी सीएम ने कहा कि सरकार तो इसके लिए तैयार थी कि जो भी तोड़फोड़ हो रही थी, उसमें बातचीत करके रास्ता निकले. बांकेबिहारी के दरबार में सारा संसार है. पिछली सरकार में छाता में मंदिर की जमीन मजार के लिए दिए जाने के सवाल पर डिप्टी सीएम ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीन बातें कही हैं परिवारवाद, तुष्टिकरण और भ्रष्टाचार को समाप्त करना है. ऐसी बातें तुष्टिकरण का परिणाम है. प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य श्री गुरु कार्ष्णि उदासीन आश्रम पुरानी गोकुल महावन रमणरेती में पहुंचकर कार्ष्णि गुरु शरणानन्द महाराज के दर्शन किये. आश्रम में प्रवेश करते ही आश्रम के मीडिया प्रभारी कार्ष्णि हरदेवानंद महाराज एवं कार्ष्णि नागेंद्र महाराज ने पटुका पहनाकर डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य का स्वागत किया, वहीं राजकीय सम्मान के साथ गार्ड सलामी दी गई. डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य गुरु पीठाधीश्वर कार्ष्णि गुरुशरणानंद महाराज से मिलने उनकी कुटिया में पहुंचे.

गुरु को दंडवत प्रणाम कर पूजन करने चले गए. इसके कुछ देर बाद डिप्टी सीएम आशीर्वाद लेकर लौटे. उन्होंने बताया कि गुरु पूर्णिमा पर व्यस्तता के कारण नहीं आया था, इसलिए आज आशीर्वाद लेने आया हूं. उन्होंने कहा कि 23 तारीख को मथुरा में पार्टी कार्यक्रम के लिए फिर आएंगे. कार्यक्रम में महापौर विनोद कुमार अग्रवाल, विधायक बल्देव पूरन प्रकाश, जिलाधिकारी पुलकित खरे, एसएसपी शैलेश पांडेय, एसपी देहात त्रिगुण विशेन, रविकांत गर्ग आदि मौजूद रहे.

बांके बिहारी के दर्शन को कदम-कदम पर खतरा

बांके बिहारी मंदिर क्षेत्र की संकरी गलियों और मार्गों से मंदिर के दर्शनार्थ जाने वाले हजारों श्रद्धालुओं की जान हमेशा जोखिम में रहती है. संकरा रास्ता होने के साथ-साथ खुंखार बंदरों व छुट्टा पशुओं के बढ़ते आतंक के बीच जर्जर गिलासू भवनों के नीचे से होकर निकलने वाले श्रद्धालुओं के लिए कदम कदम पर खतरा मंडराता रहता है. बांके बिहारी मंदिर क्षेत्र की 12 से अधिक संपर्क गालियों और सभी प्रवेश मार्ग संकरे होने के साथ-साथ इनमें हमेशा बंदरों के झुंड बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं को अपना शिकार बनाते रहते हैं.

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