उत्तर प्रदेश

बैठक में नॉन ब्रांडेड आटा, दाल व अनाज पर भी 5 % जीएसटी लगाने का लिया फैसला

Ritisha Jaiswal
1 July 2022 12:52 PM GMT
बैठक में नॉन ब्रांडेड आटा, दाल व अनाज पर भी 5 % जीएसटी लगाने का लिया फैसला
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जीएसटी काउंसिल की बैठक में नॉन ब्रांडेड आटा, दाल व अनाज पर भी 5 प्रतिशत जीएसटी लगाने का फैसला लिया गया

जीएसटी काउंसिल की बैठक में नॉन ब्रांडेड आटा, दाल व अनाज पर भी 5 प्रतिशत जीएसटी लगाने का फैसला लिया गया। इसका सीधा असर आम आदमी की जेब पड़ेगा। वहीं व्यापारियों ने भी इसका विरोध किया है और सरकार से फैसला वापस लेने की मांग की है।

लखनऊ व्यापार मंडल के अध्यक्ष व दाल-चावल के थोक विक्रेता राजेंद्र अग्रवाल ने बताया की सरकार का ये फैसला गरीब व मध्यम वर्गीय परिवारों की कमर तोड़ने वाला है। इससे रसोई में उपयोग होने वाली सभी वस्तुएं महंगी होंगी
उन्होंने बताया की जुलाई 2017 में जब नॉन ब्रांडेड आटा, दाल, चावल व अन्य अनाज पर सरकार ने जीएसटी जीरो प्रतिशत किया था। उस वक्त उपरोक्त वस्तुओं का व्यापार करने वाले व्यापारियों ने अपना जीएसटी पंजीकरण सरेंडर कर दिया था। ऐसे में उन व्यापारियों को दुबारा पंजीकरण कराना होगा।
2 से 5 रुपये तक प्रति किलो तक बढेंगे दाम
व्यापारी नेता के मुताबिक आने वाले दिनों में आटा, दाल, बेसन, चना समेत अन्य अनाज के कट्टे पर पांच प्रतिशत तक टैक्स लगेगा। इससे खुले में 2 से 5 रुपये प्रति किलो तक हर वस्तु के दाम बढ़ेंगे। इस फैसले के विरोध में प्रदेश के फ्लोर, राइस, दाल मिलर्स व गल्ला व्यापारियों के संगठनों की बैठक की जाएगी, जिसमें आगे की रणनीति तय होगी। लखनऊ व्यापार मंडल के वरिष्ठ महामंत्री अमरनाथ मिश्रा ने बताया की सरकार ने खुद कोरोना के वक्त 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन दिया। यह सरकारी आंकड़ा है। इसका मतलब सरकार खुद मानती है कि इस वर्ग को फ्री राशन की जरूरत है। ऐसे में इस तरह का टैक्स लगाना बिल्कुल सही नहीं है। यह टैक्स सीधा 62 प्रतिशत जनता पर असर डालेगा


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