उत्तर प्रदेश

ज्ञानवापी मामले में मस्जिद कमेटी ने कोर्ट से की मांग, 'सर्वे की फोटो और वीडियो सार्वजनिक नहीं किए जाएं'

Renuka Sahu
28 May 2022 1:28 AM GMT
In the Gyanvapi case, the mosque committee demanded from the court, Survey photos and videos should not be made public
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फाइल फोटो 

अंजुमन इंट्रेजेनिया कमेटी की ओर से वाराणसी जिला अदालत को पत्र लिखकर मांग की गई है कि ज्ञानवापी मस्जिद सर्वे मामले में आयोग की रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की जाए.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। अंजुमन इंट्रेजेनिया कमेटी की ओर से वाराणसी जिला अदालत को पत्र लिखकर मांग की गई है कि ज्ञानवापी मस्जिद सर्वे (Gyanvapi Masjid Survey) मामले में आयोग की रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की जाए. पत्र में आयोग के आदेश की प्रमाणित प्रति के लिए कोर्ट में आवेदनों का भी जिक्र है. समिति के वकील मेराजुद्दीन सिद्दीकी ने एएनआई को बताया कि उन्होंने अनुरोध किया है कि आयोग की रिपोर्ट, तस्वीरें और वीडियो (Survey Photos and Videos) केवल संबंधित पक्षों के साथ साझा किए जाएं और रिपोर्ट, तस्वीरें और वीडियो केवल संबंधित पक्षों के साथ साझा किए जाएं और रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं किया जाए. उन्होंने कहा कि रिपोर्ट हमें 30 मई को मिलेगी.

इसस पहले गुरुवार को जिला अदालत ने काशी विश्वनाथ-ज्ञानवापी परिसर में श्रृंगार गौरी स्थल की दैनिक पूजा की अनुमति मांगने वाली पांच हिंदू महिलाओं की याचिका की सुनवाई की और मामले में सुनवाई के लिए सोमवार को पोस्ट कर दिया. मुस्लिम पक्ष ने तर्क दिया है कि ये याचिका सुनवाई योग्य नहीं है. क्योंकि पूजा स्थल अधिनियम 1991 किसी भी पूजा स्थल के धर्मांतरण पर रोक लगाता है और किसी भी पूजा स्थल के धार्मिक चरित्र को बनाए रखने का आदेश देता है, क्योंकि ये 15 अगस्त 1947 को अस्तित्व में था.
हिंदू पक्ष का दावा
याचिका दायर होने के बाद निचली अदालत ने ज्ञानवापी परिसर के वीडियो ग्राफिक्स सर्वेक्षण का आदेश दिया था और हिंदू पक्ष ने दावा किया था कि सर्वे के दौरान एक शिवलिंग पाया गया था. सुप्रीम कोर्ट ने 20 मई को मामले को एक सिविल जज से जिला जज को ट्रांसफर करते हुए कहा था कि इस मुद्दे की जटिलताओं और संवेदनशीलता को देखत हुए ये बेहतर रहेगा कि एक वरिष्ठ न्यायिक अदिकारी इस मामले को संभाले.
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