उत्तर प्रदेश

मुज़फ्फरनगर में धड़ल्ले से होता है दिनदहाड़े मछली का शिकार

Admin Delhi 1
14 Jan 2023 12:30 PM GMT
मुज़फ्फरनगर में धड़ल्ले से होता है दिनदहाड़े मछली का शिकार
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मोरना: पर्यावरण को हरा भरा रखने व जंगली जानवरों सहित जलीय जन्तुओं की सुरक्षा कर दुर्लभ प्रजातियों को संरक्षण प्रदान करने के लिये गंगा खादर क्षेत्र को वन्य जीवों के लिए सुरक्षित अभ्यारण्य बनाया गया है। बावजूद इसके सेन्चुरी क्षेत्र में जलीय जन्तुओं की सुरक्षा तो दूर उनका शिकार धड़ल्ले से किया जा रहा है। गंगा खादर क्षेत्र में मछली माफिया गंगा नदी में खुलेआम मछली का शिकार कर लाखों के वारे न्यारे कर रहे हैं। शुकतीर्थ क्षेत्र में हो रहे शिकार को लेकर साधु सन्तों में रोष व्याप्त है।

उत्तर भारत की ऐतिहासिक एवं पौराणिक तीर्थनगरी शुकतीर्थ में जीवन दायिनी मां गंगा की अविरल धारा प्रवाहित हो रही है, जिसमें बड़ी संख्या में जलीय जीव जंतुओं की विभिन्न प्रजातियां रहती है। गंगा में जलीय जीव-जंतुओं की उपस्थिति से पारिस्थितिक तन्त्र में जैव विविधता बनी रहती है। जलीय जीव जंतुओं के प्रजनन से प्रजातियों की संख्या में इजाफा होता रहता है, किन्तु माफियाओं की करतूत के चलते जलीय जीव-जंतुओं की विभिन्न प्रजातियों पर संकट मंडराने लगा है। शिकारियों द्वारा रात के अंधेरे में ही नहीं दिन के उजाले में भी बड़े पैमाने पर जलीय जीव-जंतुओं का शिकार किया जा रहा है, जिसके कारण कुछ प्रजातियां ऐसी भी है, जो लगभग विलुप्ति होने के कगार पर पहुंच गई है। एक ओर बढ़ते प्रदूषण के कारण पर्यावरण को भारी नुकसान पहुंच रहा है, तो वहीं प्रशासन की लापरवाही के कारण माफियाओं के हौंसले बढ़ रहे हैं, जिससे सेन्चुरी क्षेत्र में जीव-जंतुओं की दुर्लभ प्रजातियां विलुप्त होने के कगार पर पहुंच गयी है।

जलीय जंतुओं का शिकार कर माफिया कर रहे लाखों का व्यापार: गंगा नदी में जलीय जीव जंतुओं का शिकार कर रहे शिकारियों की करतूत जलीय व स्थलीय जीव-जंतुओं के जीवन पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रही हैं। कुछ ऐसी भी प्रजातियां हैं, जो पारिस्थितिकी तंत्र में हुए बदलावों के चलते अपना अस्तित्व बचाए रखने के लिए संघर्ष कर रही है। कम वर्षा, नष्ट होते जलीय व स्थलीय जीव-जंतुओं के वास स्थान, अभ्यारण्य क्षेत्र में बढती मानवीय गतिविधियों, मिट्टी व रेत खनन, वृक्षों का कटान, कम होता वृक्षारोपण व प्राकृतिक जल स्रोतों से छेड़छाड़, गंगा नदी में बढ़ता प्रदूषण आदि का असर जलीय व स्थलीय जीव जंतुओं के जीवन को प्रभावित कर रहा है, तो वहीं वन विभाग द्वारा अभ्यारण्य क्षेत्र में निवास कर रहे जीव-जंतुओं की दैनिक गतिविधियों पर नजर रखी जाती है। सूत्रों के अनुसार शिकारी वन विभाग व पुलिस विभाग से सांठगांठ कर जलीय जन्तुओं का शिकार कर रोजाना लाखों के वारे न्यारे करने में लगे हुए हैं। वन क्षेत्राधिकारी सिंहराज पुंडीर ने बताया कि सूचना पर समय-समय पर कार्रवाई कर कई नावों को कब्जे में लिया गया है। मामले को लेकर जल्द ही बड़ी कार्यवाही की जाएगी। अतिरिक्त थाना प्रभारी निरीक्षक रामबीर सिंह ने बताया कि वन विभाग द्वारा सूचना मिलने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

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