उत्तर प्रदेश

मेरठ जिले में हर महीने ढाई सौ बच्चे डाउन सिंड्रोम के शिकार

Admin Delhi 1
23 March 2023 8:30 AM GMT
मेरठ जिले में हर महीने ढाई सौ बच्चे डाउन सिंड्रोम के शिकार
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मेरठ न्यूज़: जिले में हर महीने औसतन ढाई सौ बच्चों में डाउन सिंड्रोम मिल रहा है. बच्चों का शारीरिक और मानसिक विकास न होने के चलते मानसिक रोग विशेषज्ञों के पास अभिभावक पहुंच रहे हैं. स्वास्थ्य विभाग की आंकड़ों में इसका खुलासा हुआ है.

रिपोर्ट के अनुसार मेरठ में ही आठ महीने में 1028 बच्चों में डाउन सिंड्रोम की पहचान हो चुकी है. इनमें लड़कियों का प्रतिशत 70 ़फीसदी है. कई तरह की आधुनिक जांच अब संभव हैं. प्रसव में ही इसका पता चल जाता है.

ये हैं लक्षण: मानसिक रोग विशेषज्ञ डॉ विभा नागर बताती हैं कि जन्म के समय डाउन सिंड्रोम वाले अधिकांश शिशुओं में कुछ विशिष्ट लक्षण आते हैं. चपटा चेहरा, बादाम के आकार की आंखें, उभरी हुई जीभ, हाथों में लकीरें, सिर, कान, उंगलियां छोटी-चौड़ी होती हैं. बच्चों का कद छोटा होता है. पीड़ित बच्चे सामान्य बच्चों से अपेक्षा देर से विकसित होते हैं.

ये है डाउन सिंड्रोम:

डाउन सिंड्रोम को मेडिकल भाषा में ट्राइसोमी- 21 के नाम से भी जाना जाता है. ये एक आनुवांशिक विकार है जो क्रोमोसोम की तीसरी कॉपी के उपस्थित होने से हो सकती है.

शारीरिक,मानसिक विकास बेहद धीमा

चिकित्सक बताते हैं कि बच्चों में समय के अनुसार शारीरिक और मानसिक विकास न होने के चलते अभिभावक विशेषज्ञ के पास पहुंचते हैं. इस बीमारी में बच्चों का भाषा गत, सामाजिक, वृद्धि और फाइव सेंसेशन विकसित होने बहुत कम हो जाते हैं. शारीरिक विकास सामान्य बच्चों की तरह ही होता है जबकि मानसिक विकास अपनी उम्र के बच्चों के कई गुना कम स्तर से होता है.

पूर्ण उपचार नहीं संभव

बाल रोग विशेषज्ञ डॉ नवरत्न गुप्ता बताते हैं कि डाउन सिंड्रोम से ग्रस्त बच्चों के लिये पूर्ण उपचार नहीं है. ऐसे बच्चे मानसिक रूप से कमजोर होते हैं. विशेष स्पीच थेरेपी व खास प्रशिक्षण के द्वारा कुछ हद तक सुधारा जा सकता है.

जांच से हो रही पहचान

न्यूरो पीडियाट्रिक, डॉ आस्था अग्रवाल जांच की अधिकता से डाउन सिंड्रोम के मामले अब अधिक सामने आ रहे हैं. प्रसव पूर्व अल्ट्रासाउंड और ब्लड टेस्ट के जरिये इस बीमारी की पहचान की जा सकती है.

देर से गर्भधारण बढ़ा रहा मुश्किलें

चिकित्सक बताते हैं की बच्चों में डाउन सिंड्रोम की मुख्य वजह अधिक उम्र में गर्भधारण होता है. खासतौर से महिलाओं में क्रोमोसोम गड़बड़ाने से दिक्कत अधिक आती है. पुरुष और महिलाओं के क्रोमोसोम मिलाकर जब 46 की जगह 47 हो जाते हैं तब बच्चों में डाउन सिंड्रोम होता है.

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