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एक दिन में पगडंडी के रास्ते तीन से चार पिकअप चीनी नेपाल पहुंच जाती
न्यूज़क्रेडिट: अमरउजाला
सूत्रों के अनुसार, एक दिन में पगडंडी के रास्ते तीन से चार पिकअप चीनी नेपाल पहुंच जाती है। पिकअप से चीनी पहुंचाने वाला ही सरगना है। साइकिल से चीनी की बोरियां उस पार पहुंचाने वाले उसी के गुर्गे बताए जाते हैं, जिन्हें चक्कर के हिसाब से पैसे मिलते हैं।
इसी साल एक जून से भारत से नेपाल को चीनी के निर्यात पर प्रतिबंध लगने के बाद अब इसकी तस्करी होने लगी है। पगडंडियों के रास्ते साइकिल पर लादकर चीनी की बोरियों को सरहद के उस पार पहुंचाया जा रहा है। भारत की तुलना में नेपाल में चीनी के दाम में करीब दस रुपये प्रति किलो (फुटकर में) का अंतर होने से चीनी की तस्करी हो रही है। सीमावर्ती क्षेत्र में साइकिल से चीनी की बोरियों को उस पार पहुंचाने का वायरल वीडियो इन दिनों चर्चा में है।
सूत्रों के अनुसार, भारत-नेपाल सीमा से लगे गांवों में पिकअप में लादकर चीनी की बोरियां पहुंचाई जाती हैं। ऐसी जगहों पर साइकिल लेकर कैरियर पहले से मौजूद रहते हैं। एक साइकिल पर 50 किलोग्राम वाली तीन से चार बोरियों को लादकर सीमा पार पहुंचाया जाता है। बताया जाता है कि सरहद पार भी कोई वाहन खड़ा रहता है, जिसमें चीनी को लादकर बाजार तक पहुंचा दिया जाता है।
एक पिकअप गाड़ी में 60 बोरी यानी 30 क्विंटल चीनी लदकर सीमावर्ती क्षेत्र में पहुंचती है। इसकी कीमत 1,20,000 रुपये बताई जाती है। नेपाल में पहुंचने पर इसकी कीमत 1,50,000 रुपये हो जाती है। यदि एक पिकअप चीनी नेपाल पहुंच जाती है, तो 30 हजार रुपये की कमाई हो जाती है। हालांकि, यह सामान्य मूल्य की अनुमानित कीमत है। थोक में चीनी की खरीदारी करने पर मूल्य में प्रति किलो दो से तीन रुपये का अंतर आ जाता है।
सूत्रों के अनुसार, एक दिन में पगडंडी के रास्ते तीन से चार पिकअप चीनी नेपाल पहुंच जाती है। पिकअप से चीनी पहुंचाने वाला ही सरगना है। साइकिल से चीनी की बोरियां उस पार पहुंचाने वाले उसी के गुर्गे बताए जाते हैं, जिन्हें चक्कर के हिसाब से पैसे मिलते हैं।
महराजगंज में 84 किलोमीटर लंबी है खुली सीमा
जनपद की 84 किलोमीटर लंबी सीमा नेपाल से लगती है। यह सीमा पूरी तरह से खुली हुई है। भारत की तरफ से सीमा सुरक्षा बल (एसएसबी) की 22वीं वाहिनी और 66वीं वाहिनी की 21 चेक पोस्ट हैं। सीमा सुरक्षा बल के जवान सीमा पर पेट्रोलिंग करते हैं। इसी तरह झुलनीपुर, ठूठीबारी, बरगदवा, परसा मलिक, नौतनवां और कोल्हुई को मिलाकर छह पुलिस थाने और 24 पुलिस चौकियां हैं। लेकिन, साइकिल से चीनी की बोरियां नेपाल की सीमा में पहुंचाने वाले तस्कर सीमा सुरक्षा बल और पुलिस के जवानों को झांसा दे देते हैं। यही वजह है कि इनके खेल की जानकारी न तो सीमा सुरक्षा बल को है, न ही पुलिस को है।
सीमावर्ती क्षेत्र के थाने करते हैं चौकसी
महराजगंज जनपद से सटा मुख्य रूप से नेपाल का रूपनदेही जिला है, लेकिन नेपाल के नवलपरासी जिले के कुछ थाने महराजगंज जिले की सीमा से सटे हैं। नेपाल के रूपनदेही और नवलपरासी जिले के सीमावर्ती क्षेत्र के मधुबनिया, मर्चवार, माया देवी, भैरहवां, धकधई, परासी, बेलाटारी प्रमुख थाने हैं। वहीं, भारतीय क्षेत्र के कोल्हुई, नौतनवां, सोनौली, बरगदवा, परसा मलिक, ठूठीबारी एवं निचलौल सीमावर्ती क्षेत्र के थाने हैं।
नेपाल में चीनी 80 रुपये नेपाली में और 50 रुपये प्रति किलो भारतीय में बिक रही है।
भारत में चीनी 65 रुपये नेपाली में और 40 रुपये प्रति किलो भारतीय में बिक रही है।
चीनी की तस्करी के संबंध में जानकारी नहीं है। किसी भी सामान की तस्करी किसी भी कीमत पर नहीं होने दी जाएगी। पगडंडियों पर गश्त बढ़ाई जाएगी। सीमावर्ती क्षेत्र में स्टोरेज की जांच कराई जाएगी। सीमावर्ती क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी है। - एलपी उपाध्याय, कमांडेंट, 22वीं वाहिनी एसएसबी
सीमावर्ती क्षेत्र के सभी थाना क्षेत्रों में विशेष सतर्कता बरतने की हिदायत दी गई है। तस्करी के खिलाफ पुलिस लगातार अभियान चला रही है। पता चला है कि चीनी की तस्करी का वायरल वीडियो नेपाल की तरफ का है। - आतिश कुमार सिंह, अपर पुलिस अधीक्षक