उत्तर प्रदेश

वेटनरी विभाग के डीन पर जानलेवा हमले के आरोपित को कारावास

Kajal Dubey
14 Aug 2022 11:23 AM GMT
वेटनरी विभाग के डीन पर जानलेवा हमले के आरोपित को कारावास
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मेरठ । कृषि विश्वविद्यालय के वेटनरी विभाग के डीन पर जानलेवा हमले के आरोपित अनिल बंजी ने सलाखों के पीछे रहने के बाद भी कारतूसों की बड़ी डील कर डाली। दिल्ली पुलिस जांच कर रही है कि कारतूस की यह खेप बाराबंकी लखनऊ जेल में बंद कुख्यात बदमाश संजीव जीवा ने तो नहीं मंगवाई थी। अनिल बंजी पहले से संजीव जीवा से जुड़ा हुआ है। शामली के थाना भवन में बरामद की गई एके-47 भी अनिल बंजी ने संजीव जीवा से खरीदी थी। जेल जाने से पहले एके-47 को अनिल बालियान के घर पर रख दिया था। कारतूसों की डील कराने के मामले में अनिल का नाम सामने आने पर मेरठ जेल की सुरक्षा पर भी सवाल खड़े हो गए है, जेल में बंद अनिल बंजी आखिर किस आधार पर कारतूसों की डील कर रहा है। कहीं अनिल जेल में रहते हुए मोबाइल का उपयोग तो नहीं कर रहा है। दिल्ली पुलिस की टीम अनिल बंजी के नेटवर्क की भी पड़ताल कर रही है।
एके-47 जम्मू कश्मीर से खरीदी गई थी
दरअसल, कारतूस की यह खेप देहरादून के रायल गन हाउस से दिल्ली गई थी। गन हाउस के मालिक परीक्षित नेगी ने बताया कि अनिल के कहने पर ही कारतूस की खेप दिल्ली भेजी गई थी। दिल्ली पुलिस की टीम ने इस प्रकरण में जोनपुर के खददाम को भी पकड़ा है, सददाम ने ही बताया कि यह खेप बाराबंकी लखनऊ जेल में बंद एक बदमाश के पास जा रही थी। अभी तक उसने यह नहीं बताया कि कारतूस का इस्तेमाल कहां होना था। ऐसे में पुलिस अंदाजा लगा रहा है कि बाराबंकी जेल में बंद संजीव जीवा ने तो कारतूस की खेप नहीं मंगाई थी। क्योंकि मेरठ जेल में बंद अनिल बंजी भी संजीव जीवा से जुड़ा हुआ है। शामली से बरामद एके-47 भी अनिल बंजी से संजीव जीवा से खरीदारी करने की बात कही थी। जांच में सामने आया था कि यह एके-47 जम्मू कश्मीर से खरीदी गई थी। उस मुकदमे में भी अनिल बंजी को आरोपित बनाया गया था।
अनिल बंजी के जेल में नेटवर्क की जांच
डीन पर हमले के आरोपित अनिल बंजी के जेल में नेटवर्क की जांच स्थानीय पुलिस ने शुरू कर दी है। अनिल बंजी किस-किस से मिल रहा है। पेशी पर जाने के बाद कचहरी में अनिल से मिलने कौन-कौन आता है। जेल के रजिस्टर में भी चेक किया जा रहा है कि अनिल बंजी का संपर्क किस किस से है। एसपी क्राइम अनित कुमार का कहना है कि जेल में बंद अनिल बंजी पर पूरी नजर रखी जा रही है। उसके नेटवर्क के बारे में भी जानकारी जुटाई जा रही है।
ये है मामला
पूर्व दिल्ली पुलिस ने स्वतंत्रता दिवस से पहले आनंद विहार बस अडडे से 2000 से ज्यादा ज‍िंदा कारतूस की खेप पकड़कर छह आरोपितों को दबोच लिया था। यह खेप देहरादून के रायल गन हाउस से आई थी। गन हाउस के मालिक परीक्षित नेगी ने दिल्ली पुलिस को बताया की मेरठ जेल में बंद अनिल के कहने पर कारतूसों की यह खेप दिल्ली आई थी और इसके बाद इन करतूसों को लखनऊ में डिलीवरी देनी थी। कारतूसों का जुड़ाव उत्तराखंड, दिल्ली और यूपी से है। एडीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने बताया कि तीन राज्यों की पुलिस इस पूरे नेटवर्क पर काम कर रही है। दिल्ली पुलिस के इनपुट पर मामले की पड़ताल कराई जा रही है।
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