उत्तर प्रदेश

किसान की हत्या में पिता व दो बेटों को कारावास, 23 साल पुराने केस में कोर्ट ने जुर्माना भी लगाया

Tara Tandi
3 Sep 2023 9:31 AM GMT
किसान की हत्या में पिता व दो बेटों को कारावास, 23 साल पुराने केस में कोर्ट ने जुर्माना भी लगाया
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मुरादाबाद के पाकबड़ा के 23 साल पुराने किसान हत्याकांड में अदालत ने पिता और दो बेटों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। किसान घटना के समय बहन को इंसाफ दिलाने उसकी सुसराल गया था। कहासुनी के बाद बहन के ससुर, जेठ और देवर ने उसे मौत के घाट उतार दिया था।
अदालत ने दोषियों पर 15-15 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। मैनाठेर थाना के जटपुरा निवासी जागन सिंह पुत्र कल्लू सिंह ने 27 नवंबर 2000 को पाकबड़ा थाने में केस दर्ज कराया था। उसने बताया था कि उसकी बहन कमलेश का विवाह पाकबड़ा के गिंदौड़ा गांव निवासी रामपाल सिंह पुत्र शिवचरण के साथ हुआ था।
विवाह के बाद से ही रामपाल सिंह को उसके भाई राम सिंह, संतराम और पिता शिव चरण सिंह आए दिन परेशान करते और मारपीट करते थे। वे मकान और जमीन में हिस्सा नहीं दे रहे थे। 26 नवंबर की देर शाम राम सिंह, संत राम और शिवचरण ने मिलकर कमलेश को मारपीट कर घर से निकाल दिया।
वह रात में मायके आई और सारी बातें बताई। 27 नवंबर 2000 की दोपहर जागन अपने छोटे भाइयों होशियार सिंह और हरस्वरूप को लेकर बहन की सुसराल गया था। वहां राम सिंह, संतराम और इनके पिता शिव चरण को समझाने का प्रयास किया तो इन्होंने झगड़ा शुरू कर दिया।
इसी दौरान शिव चरण के कहने पर संतराम ने चाकू निकाल कर होशियार सिंह के पेट में वार किया। झगड़े में हरस्वरूप के पांव पर चाकू लगा था। शोर मचाने पर आसपास के लोगों को आता देख तीनों पिता पुत्र भाग गए थे। घायल अवस्था में होशियार सिंह को अस्पताल लेकर गए, जहां डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
इस मामले में थाना पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर तीनों को जेल भेज दिया था। मुकदमे की सुनवाई अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश संख्या दो पुनीत कुमार गुप्ता की अदालत में की गई। सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता रंजीत सिंह राठौर ने बताया कि मुकदमे में वादी के अलावा अन्य गवाहों ने घटना की पुष्टि की।
अदालत ने पत्रावली पर मौजूद साक्ष्यों के आधार पर पिता शिवचरण और उसके बेटों राम सिंह, संतराम को दोषी करार देते हुए सजा सुनाई।
बेटे और बहू को मकान में हिस्सा देने से शिव चरण ने कर दिया था इन्कार
होशियार सिंह के बेटे सुनील कुमार ने अपने बयान में बताया कि शिवचरण, राम सिंह और संतराम रामपाल को मकान में हिस्सा नहीं देना चाहते थे। इस कारण से आए दिन तीनों मिलकर रामपाल और कमलेश को तंग और मारपीट करते थे। घटना से एक दिन पहले भी कमलेश को मारपीट कर घर से निकाला गया था।
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