उत्तर प्रदेश

संगठन संचालन में सहयोगपूर्ण वृत्ति की महत्वपूर्ण भूमिका- रवीन्द्र शुक्ला

Shantanu Roy
2 Feb 2023 10:44 AM GMT
संगठन संचालन में सहयोगपूर्ण वृत्ति की महत्वपूर्ण भूमिका- रवीन्द्र शुक्ला
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लखनऊ। संगठन का हित सर्वोपरि मान कर समर्पित भाव से जनपदीय, प्रान्तीय, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नामित समस्त पदाधिकारियों को समन्वय स्थापित कर कार्य करने से ही अभीष्ट परिणाम मिलता है। यह विचार हिन्दी साहित्य भारती (पंजीकृत न्यास) के अंतर्राष्ट्रीय/केन्द्रीय अध्यक्ष रवीन्द्र शुक्ला (पूर्व शिक्षा मंत्री उत्तरप्रदेश सरकार एवं साहित्यकार व पत्रकार) ने देश के विभिन्न राज्यों में पूर्व गठित संस्था के प्रान्तीय प्रभारियों की आनलाइन आयोजित बैठक में व्यक्त किये। ज्ञातव्य है कि हिन्दी साहित्य भारती का अब तक देश के 27 विविध राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों और 35 देशों में संगठनात्मक ढांचा खड़ा किया जा चुका है, इन सभी इकाइयों ने संस्था के उद्देश्यों व सुनिश्चित लक्ष्य को पूरा करने के लिए काम करना शुरू कर दिया है।
उल्लेखनीय है कि भारत के गौरवशाली साहित्य एवं सांस्कृतिक चेतना को वैश्विक स्तर पर प्रतिष्ठा दिलाने, देश में हिन्दी भाषा को राष्ट्र भाषा का संवैधानिक दर्जा हासिल करने के लिए सुदृढ़ अभियान चलाने, भारत के संविधान में इन्डिया की जगह भारत शब्द को शामिल किए जाने सहित हिन्दी और अन्य प्रादेशिक भाषाओं के साहित्य और रचनाकारों को एक समन्वित मंच पर लाने जैसे अनेक उद्देश्यों की पूर्ति के लिए गठित हिन्दी साहित्य भारती के राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पदाधिकारियों के नामों की उद्घघोषणा विगत 11 जुलाई को नयी दिल्ली में सम्पन्न पत्रकार वार्ता में न्यासके केन्द्रीय/अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष रवीन्द्र शुक्ला द्वारा की जा चुकी है। आयोजित बैठक में सुविख्यात साहित्यकार प्रोफेसर बुद्धिनाथ मिश्र, प्रभारी, उत्तराखंड, शेखर दत्त (पूर्व रक्षा सचिव व निवर्तमान राज्यपाल, छत्तीसगढ), डाक्टर नरेश मिश्र (प्रभारी पंजाब), डी पी मिश्र (प्रभारी दिल्ली), डाक्टर मुरलीधरन सेथुरमन (प्रभारी तमिलनाडू), सेवानिवृत्त आईएएस राजीव शर्मा (प्रभारी असम), सेवानिवृत्त अधिकारी व साहित्यकार आनन्द उपाध्याय(प्रभारी हरियाणा), डाक्टर आनन्द पाटिल (प्रभारी महाराष्ट्र) सहित डाक्टर रमा, डाक्टर जयन्ती प्रसाद नौटियाल, सुश्री क्रान्ति कराटे सहित गुजरात के प्रभारी डाक्टर विष्णु पंड्या की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।
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