उत्तर प्रदेश

Paraspur-धौरहरा बांध की वेशकीमती भूमि पर अवैध कब्जा, जिम्मेदार मौन

Gulabi Jagat
22 Nov 2024 2:19 PM GMT
Paraspur-धौरहरा बांध की वेशकीमती भूमि पर अवैध कब्जा, जिम्मेदार मौन
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Colonelganj,गोण्डा। प्रदेश में जहां एक तरफ योगी सरकार ने समस्त सरकारी जमीनों को अवैध कब्जों से मुक्त करवाने के सख्त निर्देश जारी करते हुए इस कार्य के लिए एंटी भू माफिया टास्क फोर्स का भी गठन भी किया है तो वहीं दूसरी ओर सिंचाई विभाग की बेशकीमती करोड़ों रुपए की सरकारी भूमि कर्नलगंज-परसपुर धौरहरा बाँध पर अनेकों दबंग किस्म के व्यक्तियों ने बसस्टाप कर्नलगंज से बाबागंज के बीच बड़े पैमाने पर अवैध कब्जा कर रखा है,जिसे अभी तक जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा हटवाया नहीं गया है। इससे सरकार की बेशकीमती भूमि अवैध कब्जे की शिकार है,वहीं अवैध कब्जेदारों के हौंसले बुलंद हैं।
कर्नलगंज क्षेत्र के मोहल्ला मेंहदीहाता (बजरंग नगर) निवासी रंजीत मौर्य ने संपूर्ण समाधान दिवस में व अन्य उच्चाधिकारियों को दिए गए पत्र में अवगत कराया है कि गोण्डा जिले के बसस्टाप कर्नलगंज से बाबागंज के बीच मेंहदीहाता बजरंग नगर,नचनी के पास सिंचाई विभाग की बेशकीमती सरकारी भूमि कर्नलगंज-परसपुर धौरहरा बाँध व उसके किनारे की भूमि को काफी मात्रा में नष्ट कर दबंग किस्म के लोगों पंकज मौर्य, प्रवेश उर्फ रिंकू मौर्य, अरविन्द मौर्य पुत्रगण जयनरायन व उनके सगे संबंधी राजेश पुत्र संतराम आदि निवासियान मोहल्ला मेंहदीहाता बजरंगनगर, कस्बा कर्नलगंज ने मिलीभगत कर जबरन अवैध कब्जा कर पक्का मकान,दुकान निर्माण कर रखा है। इसी के साथ ही उक्त बाँध पर लगे अनेकों हरे भरे पेड़ों को भी काटकर बिक्री कर लिया गया है और सरकार की लाखों रूपयों की सार्वजनिक संपत्ति को क्षति पहुँचाई गई है। इससे सरकार की बेशकीमती भूमि अवैध कब्जे की शिकार है।


आपको बता दें कि उपरोक्त बाँध से समस्त अवैध कब्जे को हटवाने एवं अवैध कब्जेदारों के विरूद्ध मुकदमा दर्ज कराकर क्षतिपूर्ति वसूली की वैधानिक कार्यवाही करने के संबंध में पूर्व में इसके पूर्व अनेकों बार शासन, प्रमुख सचिव सिंचाई विभाग उ०प्र०, मण्डलायुक्त देवीपाटन मण्डल, जिलाधिकारी गोण्डा, उपजिलाधिकारी करनैलगंज सहित अन्य उच्चाधिकारियों द्वारा जिम्मेदार अधिकारियों को निर्देशित,आदेशित भी किया जा चुका है,परन्तु अभी तक उक्त बांध से समस्त अवैध कब्जे व निर्माणों को हटाये ना जाने से दबंग अवैध कब्जेदारों के हौंसले बुलन्द हैं। अब देखना यह है कि जिम्मेदार प्रशासन और विभाग दबंगों के कब्जे से इस वेशकीमती सरकारी भूमि को मुक्त करवा पाता है या नहीं।

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