उत्तर प्रदेश

आईआईटी खोजेगा सस्ता और टिकाऊ अल्ट्रा हाई परफॉर्मेंस कंक्रीट

Shreya
19 July 2023 7:40 AM GMT
आईआईटी खोजेगा सस्ता और टिकाऊ अल्ट्रा हाई परफॉर्मेंस कंक्रीट
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कानपूर न्यूज़: कम लागत में मजबूत पुलों के निर्माण के लिए आईआईटी कानपुर ने हाथ बढ़ाए हैं. इसके तहत संस्थान के वैज्ञानिक देसी यूएचपीसी यानी अल्ट्रा हाई परफॉर्मेंस कंक्रीट खोजेंगे. अभी तक इसे मलेशिया और यूरोप के देशों से निर्यात किया जाता है. देसी यूएचपीसी से न सिर्फ सेतुओं के निर्माण में आसानी होगी, बल्कि मजबूती मौजूदा कंक्रीट से दोगुनी हो जाएगी. यही नहीं, कम जगह में भी अल्ट्रा हाई परफॉर्मेंस कंक्रीट पूरी तरह कारगर साबित होगी. इसकी फंडिंग पीडब्ल्यूडी करेगा.

यूपी सेतु निगम के प्रबंध निदेशक राकेश सिंह ने नवीन और लागत प्रभावी प्रौद्योगिकियों को अपनाने की संभावनाओं पर चर्चा करने के लिए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान का दौरा किया. यहां सिविल इंजीनियरिंग विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ. केवी हरीश और स्टार्टअप सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड के वैज्ञानिकों संग मंत्रणा हुई. तय हुआ कि आईआईटी देसी अल्ट्रा हाई परफॉर्मेंस कंक्रीट पर रिसर्च कर उसे तैयार करेगा. उत्पादन के लिए यूपी में प्लांट भी लगाए जाएंगे. सेतु निगम के एमडी और वैज्ञानिकों ने मलेशिया के प्लांटों का निरीक्षण कर उसका सॉल्यूशन पर होमवर्क भी कर लिया है.

क्यों जरूरी है यूएचपीसी यूएचपीसी पुलों के निर्माण में बेहद कारगर होती है. यह भार सहने में मौजूदा कंक्रीट से दोगुनी ताकत रखती है. मौजूदा कंक्रीट में पिलर डेढ़ मीटर के बनाने होते हैं, जबकि इसके इस्तेमाल से सिर्फ .75 मीटर के पिलर से काम चल जाता है. सेतुओं के स्ट्रक्चर में कम जगह में भी इसे लगा सकते हैं.

कहां कर सकते हैं इस्तेमाल

यूएचपीसी का उपयोग प्रीस्ट्रेस्ड कंक्रीट गर्डर सिंपल-स्पैन ब्रिज, प्रीकास्ट कंक्रीट डेक पैनल और प्रीफैब्रिकेटेड ब्रिज घटकों में फील्ड-कास्ट कनेक्शन में हो सकता है.

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