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पश्चिमी यूपी अलग राज्य बना तो बन जाएगा मिनी पाकिस्तान: संजीव बालियान
लखनऊ: केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान के पश्चिमी उत्तर प्रदेश को अलग राज्य बनाने की मांग को भाजपा नेता एवं सरधना के पूर्व विधायक ठाकुर संगीत सोम ने सिरे से खारिज कर दिया। सोम ने कहा कि ऐसा होने पर यह मिनी पाकिस्तान बन जाएगा। भाजपा के पूर्व विधायक संगीत सोम ने मंगलवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा कि केंद्रीय राज्यमंत्री संजीव बालियान ने अंतरराष्ट्रीय जाट संसद में पश्चिमी उत्तर प्रदेश को अलग राज्य बनाए जाने की पैरवी की है, यह भविष्य को देखते हुए सही नहीं है।
उन्होंने कहा कि अगर ऐसा हुआ तो पश्चिमी उत्तर प्रदेश 'मिनी पाकिस्तान' बन जाएगा। पश्चिमी उत्तर प्रदेश को दिल्ली राज्य में शामिल करना चाहिए। संगीत सोम ने बताया कि विशेष वर्ग की बढ़ती आबादी के कारण पश्चिमी उत्तर प्रदेश राज्य में हिंदू समाज अल्पसंख्यक दर्जे के हो जाएंगे। मेरठ वेस्ट यूपी की राजधानी होनी चाहिए। मगर, ऐसे क्षेत्र का विकास नहीं होगा। लेकिन, राजनीति दशा जरूर बदल जाएगी। बेहतर होगा कि वेस्ट यूपी को दिल्ली प्रदेश में जोड़ने की पहल होनी चाहिए। ज्ञात हो कि केंद्रीय राज्यमंत्री संजीव बालियान ने मेरठ में आयोजित अंतरराष्ट्रीय जाट संसद सम्मेलन में कहा था कि पश्चिमी यूपी को अलग राज्य बनाना चाहिए और मेरठ को इस नए राज्य की राजधानी बनाया जाना चाहिए।
बीजेपी के फायर ब्रांड नेता संगीत सोम ने कहा कि पश्चिमी यूपी को अलग राज्य बनाने की मांग जायज नहीं है. बीजेपी नेता ने कहा कि केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान के बयान से सहमत नहीं हूं और इसका खुलकर विरोध करता हूं. उन्होंने कहा कि संजीव बालियान ने जो ऐसा बयान दिया वो पार्टी के प्रवक्ता नहीं हैं. पश्चिमी यूपी को अलग करना है तो दिल्ली में मिलाया जाए.
बता दें कि यूपी की राजनीति में पश्चिमी उत्तर प्रदेश एक अलग राज्य बनाने की मांग का मुद्दा गरमाता जा रहा है. रविवार को सुभारती यूनिवर्सिटी मेरठ में एक अंतर्राष्ट्रीय जाट संसद सम्मेलन के आयोजन में पहुंचे केंद्रीय मंत्रीय संजीव बालियान ने यह बयान दिया था. इस दौरान उन्होंने कहा था कि- "पश्चिमी उत्तर प्रदेश एक अलग राज्य बनना चाहिए और मेरठ इस नए प्रदेश की राजधानी बने. यहां की आबादी आठ करोड़ है और हाईकोर्ट यहां से 750 किलोमीटर दूर है, ऐसे में यह मांग पूरी तरह जायज है."
वहीं अब उनके इस बयान पर उन्हीं की पार्टी के नेता सवाल खड़े करते हुए नजर आ रहे हैं. इससे पहले भी यूपी को चार हिस्सों- पूर्वांचल, पश्चिमांचल, बुंदेलखंड और अवध प्रदेश में बांटने की मांग की गई थी. इतना ही नहीं साल 2011 में बहुजन समाज पार्टी की सरकार में मुख्यमंत्री मायावती ने इस बाबत विधासनभा में प्रस्ताव पेश किया था.