उत्तर प्रदेश

पांच वर्ष तक भूखण्ड पर निर्माण नहीं तो शुल्क, इस तरह लिया जाएगा शुल्क

Admin Delhi 1
25 May 2023 12:50 PM GMT
पांच वर्ष तक भूखण्ड पर निर्माण नहीं तो शुल्क, इस तरह लिया जाएगा शुल्क
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लखनऊ न्यूज़: भूखण्डों की रजिस्ट्री के बाद लंबे समय तक निर्माण न कराने पर आने वाले दिनों में अनिर्माण शुल्क देना पड़ेगा. वह भी थोड़ा बहुत नहीं, भूखण्ड की कीमत का पांच प्रतिशत तक.

राजधानी में तमाम प्रॉपर्टी डीलरों और प्रभावशाली लोगों ने प्लॉट खरीद कर छोड़ रखा है, जिससे कीमत बढ़ने पर लाभ ले सकें. प्राधिकरण की लगभग सभी योजनाओं में ऐसे भूखण्डों की संख्या सैकड़ों में है. बारिश में ये भूखण्ड परेशानी का सबब बनते हैं. जलभराव से इनमें मच्छर पनपते हैं. इनमें लोग कूड़ा कचरा भी डालते हैं. इसी को देखते हुए एलडीए ने खाली भूखण्डों पर अनिर्माण शुल्क लगाने की योजना तैयार की है. यह शुल्क सम्पत्ति की रजिस्ट्री के पांच वर्ष पूरा होने के बाद से लगना शुरू होगा. इस अवधि के बाद अगर लोग अपने मकान का नक्शा पास कराने आएंगे तो उन्हें पहले एलडीए में

अनिर्माण शुल्क जमा करना होगा. बिना शुल्क जमा किए कोई नक्शा नहीं पास होगा.

नक्शा पास कराने वालों को निर्माण के लिए तीन वर्ष की मोहलत मिलेगी. इसके बाद नक्शा निरस्त हो जाएगा. फिर पूरी अवधि का अनिर्माण शुल्क जमा करना होगा. अनिर्माण शुल्क की दरें जल्द ही कमेटी तय करेगी. इसके बाद इसे बोर्ड बैठक में रखकर पास कराने के बाद इसे लागू किया जाएगा.

इस तरह लिया जाएगा शुल्क एलडीए फ्रीहोल्ड भूखण्डों पर भी अनिर्माण शुल्क लेगा. यह शुल्क भूखण्ड की कुल कीमत का पांच प्रतिशत तक रखने की तैयारी है. कीमत डीएम सर्किल रेट के आधार पर तय होगी. हालांकि अभी इसकी दरों को अंतिम रूप नहीं दिया गया है. एलडीए उपाध्यक्ष डॉ. इन्द्रमणि त्रिपाठी ने कहा कि अभी इस पर मंथन चल रहा है.

लीज पर अनिर्माण शुल्क लीज के भूखण्डों पर एलडीए ही नहीं, प्रदेश के सभी प्राधिकरणों में अब भी पांच वर्ष तक निर्माण न कराने पर अनिर्माण शुल्क देना पड़ता है. लखनऊ, गाजियाबाद व नोएडा अथॉरिटी खुद लेवी लेते हैं. निर्माण में विलम्ब होने पर कभी-कभी लेवी भूखण्ड की कीमत से दो-तीन गुना ज्यादा हो जाती है.

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