उत्तर प्रदेश

शिक्षक स्कूल नहीं पहुंचे तो अभिभावक इस नंबर पर करें शिकायत, तत्काल होगी कार्रवाई

Bhumika Sahu
30 July 2022 9:07 AM GMT
शिक्षक स्कूल नहीं पहुंचे तो अभिभावक इस नंबर पर करें शिकायत, तत्काल होगी कार्रवाई
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कभी टीचर अनिपस्थित रहते हैं, तो कभी बच्चों की बर्बरता पूर्वक पिटाई के वीडियो सामने आते हैं।

चंदौली: यूपी में सरकार स्कूलों ने अवयवस्थाओं के मामले अक्सर सामने आते रहते हैं। कभी टीचर अनिपस्थित रहते हैं, तो कभी बच्चों की बर्बरता पूर्वक पिटाई के वीडियो सामने आते हैं। वहीं अब शासन इसको लेकर सख्त कदम उठाने जा रहा है। बच्चों की पढ़ाई सुचारू रूप से हो, इसके लिए शिक्षकों की विद्यालय में समय से उपस्थिति भी सुनिश्चित करने की दिशा में कार्य किया जा रहा है। बस जरूरत है तो अभिभावकों के सक्रिय होने की। क्योंकि, अब परिषदीय विद्यालयों में अध्यापकों के समय से न पहुंचने व गायब रहने की शिकायत अभिभावक खुद कर सकेंगे।

दीवारों पर लिखे जाएंगे नंबर
इसके लिए शासन की ओर से टोल फ्री नंबर जारी किया गया है। इस टोल फ्री नंबर को विद्यालयों की दीवारों पर लिखा जाना है। जनपद में 359 कंपोजिट विद्यालय सहित कुल 1185 प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक विद्यालय संचालित हैं। शिक्षकों के देर से पहुंचने, समय से पूर्व विद्यालय बंद करने, बगैर सूचना के विद्यालय से शिक्षकों के गायब रहने तथा मध्याह्न भोजन गुणवत्तापूर्ण नहीं मिलने की शिकायत अक्सर सुनने को मिलती है।
अभिभावक टोल फ्री नंबर पर सीधे कर सकेंगे शिकायत
अधिकारियों के औचक निरीक्षण में भी शिक्षक विद्यालय से अनुपस्थित पाए जाते हैं। हर दिन शासन और प्रशासन की ओर से निरीक्षण संभव नहीं है तो ऐसे में अभिभावकों से सीधे शिकायत की अपील की गई है। शासन ने टोल फ्री नंबर 18001800166 अभिभावकों के लिए जारी किया है। हर एक परिषदीय विद्यालयों के दीवार पर यह नंबर लिखा जाएगा। इस नंबर पर कोई भी व्यक्ति शिक्षकों के विद्यालय नहीं आने सहित विद्यालय से जुड़ी अन्य तरह की शिकायत कर सकता है। टोल फ्री नंबर पर दर्ज शिकायतों को शासन की ओर से रिकार्ड भी किया जाएगा।
शिकायतों की जांच के लिए कमेटी का होगा गठन
चंदौली जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी सत्येंद्र सिंह ने बताया कि शासन की ओर से यह निर्देश कुछ दिन पूर्व ही प्राप्त हुआ है। सभी विद्यालयों की दीवारों पर टोल फ्री नंबर लिखवाने के साथ ही प्रचार-प्रसार भी किया जाएगा। शिकायतों की जांच के लिए कमेटी गठित होगी और जांच में गड़बड़ी मिलने पर दोषी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। लेकिन अभी तक परिषदीय विद्यालयों की दीवारों पर नंबर नहीं लिखा जा सका है।


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