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अनुमति मिली तो डीजल बसों से हो सकेगा अनुबंध, मुख्यालय से अनुमति मिलने का इंतजार
मेरठ न्यूज़: अनुबंधित बसों को लेकर आरएम कार्यालय में बैठक का आयोजन किया गया। जिसमें शामिल बस आपरेटर्स को नई योजना के बारे में अवगत कराते हुए परिवहन निगम के साथ बिजनेस करने के लाभ बताए गए। इस बीच सीएनजी के साथ-साथ डीजल बसों को भी अनुबंधित करने के बारे में विस्तार से चर्चा की गई, जिसके संबंध में मुख्यालय से अनुमति मिलने पर टेंडर में तब्दीली करने का आश्वासन दिया गया। घाटे की आशंका के संबंध में उठाए गए सवालों के बारे में आरएम केके शर्मा ने उनकी शंकाओं का समाधान किया। उन्हेें बताया गया कि नई योजना में लाभ भले ही कम नजर आ रहा हो, लेकिन इससे लाभ मिलेगा। इसके अलावा केवल सीएनजी बसों को ही लगाने की बाध्यता को समाप्त करके डीजल गाड़ियों को लगाने का अनुरोध किया गया। आपरेटर्स का कहना था कि सीएनजी बसें बहुत महंगी बनती हैं, इसके अलावा इनका मेंटीनेंस भी महंगा होता है। आरएम केके शर्मा ने इस बारे में आरटीओ से अनुमति के संबंध में जानकारी ली, जिन्होंने बताया कि बीएस-6 के मानक की बसों के संचालन में कोई दिक्कत नहीं आने वाली है। इस बारे में आरएम ने मुख्यालय से स्वीकृति लेकर व्यवस्था देने का आश्वासन दिया। बैठक में आरटीओ आरके सिंह, एआरटीओ कुलदीप सिंह, एआरएम वित्त मुकेश अग्रवाल शामिल रहे।
एआरएम को नोटिस जारी: अनुबंधित बसों के संचालन व्यवस्था को लेकर मिल रही शिकायतों को लेकर आरएम ने एआरएम भैंसाली डिपो को नोटिस जारी किया है। आरएम केके शर्मा ने बताया कि क्षेत्रीय प्रबंधक प्रवर्तन दल ने परतापुर में चेकिंग के दौरान पाया कि सुबह सात बजे के बाद बस अड्डे से निकलने वाली बसें छह बजे से पहले ही संचालित पाई गर्इं। इस प्रकार का संचालन करके चालक-परिचालक अपने किलोमीटर पूरा करने के लिए समय से पहले ही खाली बसों को ही दौड़ा रहे हैं। ऐसे मामले एक सप्ताह में दो बार सामने आने के बाद एआरएम को निर्देशित किया गया था कि वे स्वयं बसों को एडवांस भगाने से रोकने की व्यवस्था कराएं, लेकिन इसके बावजूद एआरएम इस दिशा में कोई प्रयास नहीं कर रहे हैं। इसके अलावा बस आपरेटर्स ने भी एआरएम के फोन न उठाने की शिकायत भी की। जिसको लेकर आरएम की ओर से एआरएम को नोटिस जारी किया गया है।