उत्तर प्रदेश

उत्तर पुस्तिका में नोट मिले तो परीक्षा केंद्र पर कार्रवाई, कॉपियों में नोट रख परीक्षार्थी पास होने की लगाते हैं गुहार

Admin Delhi 1
19 Feb 2023 8:47 AM GMT
उत्तर पुस्तिका में नोट मिले तो परीक्षा केंद्र पर कार्रवाई, कॉपियों में नोट रख परीक्षार्थी पास होने की लगाते हैं गुहार
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मेरठ: यूपी बोर्ड उत्तर पुस्तिकाओं में अगर नोट निकला तो परीक्षा केंद्र पर सीधे कार्रवाई की जाएगी। नोट निकलना परीक्षा केंद्र की गड़बड़ी माना जाएगा। परीक्षा से पहले शिक्षकों को परीक्षार्थियों की तलाशी में ही रखे गए रुपये जमा कराने होंगे। मूल्यांकन के दौरान उत्तर पुस्तिकाओं में 100 से 2000 हजार तक का नोट निकलता हैं, तो इन नोटों को कई शिक्षक दबा जाते हैं। ऐसे में शासन की ओर से नोट से परीक्षा केंद्रों को पकड़Þने का प्रयास विफल भी हो सकता है।

बता दें कि हर साल कॉपियों के मूल्यांकन के दौरान 100 से 500 तक से लेकर 2000 रुपये तक के नोट कॉपियों में निकलते हैं। पेपर खराब होने पर अधिकांश परीक्षार्थी कॉपियों में नोट रख देते हैं और उसके साथ पास करने की गुहार भी लगा देते हैं। स्कूल प्रबंधन और प्रधानाचार्य भी यह रास्ता परीक्षार्थियों को दिखाते हैं। इस बार नोट निकलने पर परीक्षा केंद्र परेशानी में आ सकता हैं, क्योंकि ऐसे केंद्रों पर लगाम कसने के लिए शासन ने सख्ती दिखाई है।

वहीं, इस सप्ताह कई मुख्य विषयों की परीक्षाएं होने जा रही है। बोर्ड परीक्षा के हिसाब से यह सप्ताह महत्वपूर्ण है। इस सप्ताह 10वीं व 12वीं में सभी बड़े पेपर होंगे। 21 फरवरी को 10वीं में गणित और 20 फरवरी को 12वीं में कॉमर्स का पेपर होगा। नकल रोकने के लिए इन बड़े पेपरों में प्रशासन को पूरी ताकत लगानी होगी।

10 दिन में जांच दी जाएगी कॉपियां

इस बार बोर्ड परीक्षा की कॉपियां 10 दिन में जांच दी जाएगी। इसके लिए मूल्यांकन केंद्रों व शिक्षकों की संख्या बढ़ाने की तैयारी की जा रही है। इस संबंध में शासन की ओर से सभी शिक्षाधिकारियों को निर्देश भी जारी कर दिए गए हैं। ताकि कॉपियों का मूल्यांकन समय पर पूरा कराया जा सकें।

छात्रों का कॅरियर बचाना हैं तो ठगों से हो जाए सावधान

वर्ष 2023 की यूपी बोर्ड 10वीं और 12वीं परीक्षा में भी छात्रों के साथ होने वाली ठगी को शिक्षा विभाग नहीं रोक पाया। बिना मान्यता प्राप्त विद्यालय कागजों में बंद हो गए। वहीं, जो स्कूल आठवीं तक मान्यता प्राप्त थे और वहां उच्च कक्षाएं चल रही थीं, उन पर किसी का नियंत्रण नहीं रहा। बेसिक और माध्यमिक के अफसरों के बीच इन कक्षाओं में फंसे छात्र पिसते रहे और छात्रों का भविष्य चौपट हो गया।

बता दें कि पिछले पांच वर्षों में ऐसे तमाम प्रश्न सामने आए हैं, लेकिन एक के खिलाफ भी कार्रवाई नहीं हो सकी। सभी गंभीर मामले थे लेकिन विभाग पैरवी करने से पीछे हट गया। परिणाम यह निकला कि कक्षा नौ व 11वीं में पंजीकरण और आधार की अनिवार्यता के बावजूद इन पर कोई नियंत्रण नहीं रहा। फलते फूलते इस कारोबार की पोल तब खुली जब परीक्षा के दौरान छात्रों, कॉलेजों और सेंटरों के बीच विवाद खड़ा हो गया।

ऐेसे टाली जाती है एक दूसरे पर जिम्मेदारी

बेसिक शिक्षा विभाग जिसका बिना मान्यता के विद्यालयों पर शिकंजा नहीं है, यदि आठवीं की मान्यता वाले विद्यालयों में कक्षा नौ से बारह तक की कक्षाएं चलती हैं तो उसे अनेक कारणों से नजर अंदाज कर दिया जाता है। बोर्ड से मान्यता प्राप्त विद्यालयों में कक्षा नौ से बारह तक का सत्यापन नहीं होता है। यदि बेसिक की मान्यता में कक्षा नौवीं से 12वीं की कक्षाओं की जानकारी होती है

तो सीमा क्षेत्र के कारण हस्तक्षेप नहीं करते। क्षेत्रीय बोर्ड कार्यालय की ओर से 17 जिलों में ऐसे चार हजार से अधिक छात्रों के फार्म भी निरस्त किए गए थे। शिक्षाधिकारियों का कहना है कि अनभिज्ञ छात्रों के साथ खिलवाड़ करने वाले विद्यालयों के खिलाफ जांच की जाती है। छात्रों को प्रवेश लेते समय यह अवश्य देख लेना चाहिए कि विद्यालय मान्यता प्राप्त है या नहीं।

कैसे बचें ठगी से:

कक्षा नौवीं व 11वीं में प्रवेश लेने वाले छात्र कालेज की बोर्ड मान्यता चेक करें।

कक्षा नौवीं व 11वीं में पढ़ रहे छात्र तत्काल स्कूल से बोर्ड का पंजीकरण मांगे।

पंजीकरण में आपके विद्यालय का नाम न हो तो स्कूल की मान्यता नहीं हैं।

मान्यता न होने की स्थिति में सतर्क रहें और विभाग को इसकी जानकारी दें।

मान्यता है या नहीं इसके लिए सीधा डीआईओएस आॅफिस से सत्यापन करें।

नकल, बिना परीक्षा पास कराने और अधिक अंक दिलाने के प्रलोभन में न आएं।

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