उत्तर प्रदेश

उच्च रक्तचाप के मरीजों को शुगर और कोलेस्ट्रॉल की दिक्कत है तो हार्ट अटैक का खतरा 70 % ज्यादा

Ritisha Jaiswal
17 May 2022 2:12 PM GMT
उच्च रक्तचाप के मरीजों को शुगर और कोलेस्ट्रॉल की दिक्कत है तो हार्ट अटैक का खतरा 70 % ज्यादा
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उच्च रक्तचाप (बीपी, हाइपरटेंशन) के मरीजों को अगर शुगर और कोलेस्ट्रॉल की दिक्कत है तो हार्ट अटैक का खतरा 70 फीसदी ज्यादा रहता है

उच्च रक्तचाप (बीपी, हाइपरटेंशन) के मरीजों को अगर शुगर और कोलेस्ट्रॉल की दिक्कत है तो हार्ट अटैक का खतरा 70 फीसदी ज्यादा रहता है। ऐसे मरीजों को बिना डॉक्टर के सलाह के दवा नहीं लेनी चाहिए। साथ ही नियमित दवा का सेवन कर रहे हैं तो उसे बंद न करें। अगर बीच में दवा बंद कर देते हैं तो यह लापरवाही जानलेवा हो सकती है। इस तरह के मामले बीआरडी मेडिकल कॉलेज व जिला अस्पताल के हृदय रोग विभाग की ओपीडी में लगातार आ रहे हैं।

बदल रही जीवन शैली और मोबाइल के ज्यादा इस्तेमाल से उच्च रक्तचाप के मामले बढ़े हैं। इसके शिकार 22 से लेकर 40 साल के युवा हो रहे हैं। हर 10 में चार युवा उच्च रक्तचाप से पीड़ित मिल रहे हैं। इनमें आइसोलेटड उच्च रक्तचाप की समस्या भी मिल रही है। हालांकि, ऐसे युवाओं का शुगर और कोलेस्ट्रॉल सामान्य रहता है। इसके बावजूद हार्ट-अटैक का खतरा 30 फीसदी ज्यादा रहता है
वहीं, जिन मरीजों का वजन ज्यादा बढ़ रहा है, उनमें बीएमआई (बॉडी मास इंडेक्स) की शिकायतें मिल रही हैं। बीएमआई के मामले में उच्च रक्तचाप की समस्या ज्यादा देखने को मिल रही है। बीआरडी मेडिकल कॉलेज के हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. नीरज चौधरी के मुताबिक, युवाओं में हाइपरटेंशन की समस्या ज्यादा है। शराब, सिगरेट व तंबाकू खाने वाले युवाओं की दिक्कत बढ़ी है। मोबाइल का ज्यादा इस्तेमाल भी स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव डाल रहा है।
30 फीसदी लोगों में अपने माता-पिता से आती है यह बीमारी
जिला अस्पताल हृदयरोग विशेषज्ञ डॉ रोहित गुप्ता ने कहा कि उच्च रक्तचाप की समस्या भी आनुवांशिक है। 30 फीसदी लोगों में यह बीमारी अपने माता-पिता से आती है। सिर दर्द, नाक से खून आना, धुंधला दिखना, चक्कर आना, पेशाब में खून आना, सांस तेज चलना या सांस लेने में तकलीफ होना, दिल की धड़कन बढ़ना और थकान होने जैसे लक्षण अगर लगातार बने हुए हैं तो यह उच्च रक्तचाप हो सकता है।
दोनों हाथों की कराएं बीपी जांच
सीएमओ डॉ. आशुतोष कुमार दुबे ने बताया कि उच्च रक्तचाप की सही रीडिंग होना अति आवश्यक है। यही वजह है कि इस बार की थीम है-अपना ब्लड प्रेशर सही से नापें, इसे काबू रखें और लंबा जिएं। बीपी की सही रीडिंग के लिए आवश्यक है कि आरामदायक स्थिति में बैठा जाए और खड़े होकर बीपी बिल्कुल न नापें। व्यायाम करने या कहीं से चल कर आने पर बीपी थोड़ी देर बाद चेक करें। धूम्रपान, चाय, काफी या भोजन के तुरंत बाद बीपी न नापें। दोनों हाथों का उच्च रक्तचाप लें और अगर रीडिंग में फर्क है तो डॉक्टर से मिलें। अगर एक हाथ में यह बढ़ा हुआ है तो बिना घबराए पांच मिनट बाद दोबारा नाप सकते हैं।
16 से 20 फीसदी महिलाएं व पुरुष प्रभावित
सीएमओ ने बताया कि राष्ट्रीय पारिवारिक स्वास्थ्य सर्वेक्षण (2019-21) के मुताबिक 15 वर्ष से अधिक आयु वर्ग की 16.8 फीसदी महिलाओं और 20.7 फीसदी पुरुषों के बीपी का स्तर इतना अधिक है कि उन्हें दवाओं का सेवन करना पड़ रहा है। ऐसे मरीजों को अधिक मात्रा में नमक का सेवन नहीं करना चाहिए।




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