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उत्तर प्रदेश
पूर्व मंत्री ओम प्रकाश राजभर, नूपुर शर्मा और नवीन जिंदल को पहले ही जेल भेजा जाता तो इस तरह हिंसा न होती
Admin4
11 Jun 2022 5:53 PM GMT
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पूर्व मंत्री ओम प्रकाश राजभर, नूपुर शर्मा और नवीन जिंदल को पहले ही जेल भेजा जाता तो इस तरह हिंसा न होती
हरदोई (उत्तर प्रदेश): नूपुर शर्मा और नवीन जिंदल के बयान के बाद देश के कई राज्यों में हिंसा हुई. इसे लेकर अब सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने बयान दिया है. उन्होंने कहा कि 'बयानों द्वारा आग उगलने के मामले में अगर सरकार ने नूपुर शर्मा और नवीन जिंदल पर मुकदमा दर्ज कर उनको जेल भेज दिया होता तो प्रदेश में जो हिंसक घटनाएं हुई हैं वह नहीं होती
हरदोई में पत्रकारों से बातचीत में सुभासपा अध्यक्ष राजभर ने सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी पर जमकर हमला बोला और सरकार पर बयान देने वाले नेताओं को बचाने का आरोप लगाया. उन्होंने शुक्रवार को हुई हिंसक घटनाओं को लेकर कहा, ''आग लगाने का काम करने वाले नूपुर शर्मा और नवीन जिंदल के खिलाफ सरकार ने अगर कार्रवाई कर दी होती तो कोई घटना नहीं होती.'' उन्होंने आरोप लगाया कि जो लोग घटना की जड़ में हैं, सरकार उन्हें बचाने में लगी है. उन्होंने कहा कि जिन्होंने बयान दिया और जिन्होंने कानून अपने हाथ में लिया, उनके खिलाफ सरकार कार्रवाई करे, निर्दोषों को परेशान न करें.
राजभर ने खुफिया तंत्र पर सवाल उठाते हुए कहा कि जिस शहर (कानपुर) में राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री मौजूद हों और पूरा प्रशासनिक अमला हो, वहां पर इतनी बड़ी घटना होना खुफिया तंत्र के असफल होने का सबूत है. गौरतलब है कि तीन जून को जुमे की नमाज के बाद कानपुर के कुछ हिस्सों में हिंसा भड़क गई थी क्योंकि दो समुदायों के सदस्यों ने एक टीवी बहस के दौरान भाजपा की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा द्वारा पैगंबर मोहम्मद पर कथित "अपमानजनक" टिप्पणियों के विरोध में दुकानों को बंद करने के प्रयासों में ईंट-पत्थर और बम फेंके थे
हालांकि भाजपा ने घटना के बाद नूपुर शर्मा को निलंबित कर दिया और दिल्ली में भाजपा के मीडिया प्रभारी नवीन जिंदल को पार्टी से निष्कासित कर दिया था. ओमप्रकाश राजभर ने 2022 का विधानसभा चुनाव समाजवादी पार्टी के साथ मिलकर लड़ा जबकि इसके पहले 2017 में वह भारतीय जनता पार्टी के साझीदार थे. बाद में उन्होंने भाजपा से गठबंधन तोड़ लिया था.
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