उत्तर प्रदेश

पति-पत्नी बने कामयाबी की मिसाल! मुकेश टिकट काटेंगे तो वेद कुमारी बस की स्टीयरिंग संभालेंगी

Renuka Sahu
30 April 2022 6:29 AM GMT
Husband and wife become an example of success! If Mukesh cuts the ticket, Ved Kumari will handle the steering of the bus.
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फाइल फोटो 

तमाम लोगों ने अपनी पत्नियों को व्यवसायी, शिक्षिका, डॉक्टर-अफसर बनने की प्रेरणा दी होगी, लेकिन गाजियाबाद के बस कंडक्टर मुकेश कुमार उनसे अलग हैं।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। तमाम लोगों ने अपनी पत्नियों को व्यवसायी, शिक्षिका, डॉक्टर-अफसर बनने की प्रेरणा दी होगी, लेकिन गाजियाबाद के बस कंडक्टर मुकेश कुमार उनसे अलग हैं। उन्होंने अपनी पत्नी वेद कुमारी को कुशल बस ड्राइवर बनने की प्रेरणा दी। वेद कुमारी ने भी बड़ी लगन से यह कौशल सीख लिया।

कानपुर के रोडवेज ड्राइविंग सेंटर में उनकी ट्रेनिंग पूरी होने वाली है। अब मुकेश टिकट काटेंगे तो वेद कुमारी बस की स्टीयरिंग संभालेंगी। मुकेश रोडवेज के गाजियाबाद डिपो में कंडक्टर हैं। वेद कुमारी ने भी गाजियाबाद डिपो में ही तैनाती मांगी है। उनके दो बच्चे हैं। बड़ा बेटा सूर्यकांत (14) और बेटी भाविका दो साल की है। 17 साल पहले वेद कुमारी की शादी मुकेश कुमार के साथ हुई थी। पत्नी की संघर्ष क्षमता देख पिछले साल मुकेश के मन में आया कि वेद कुमारी को बस ड्राइविंग सिखाई जाए। उन्हें पता चला कि देश में पहली बार महिलाओं को भारी वाहन चलाने की ट्रेनिंग कानपुर में दी जाएगी। पत्नी से बात की और उनकी सहमति पर ट्रेनिंग सेंटर में एडमिशन दिला दिया।
ससुराल ने हिम्मत दी
वेद कुमारी ने बताया कि मेरा ड्राइविंग से कोई वास्ता नहीं था। पति ने इसकी प्रेरणा दी। जुनून जागा और ससुराल ने हिम्मत दी। ट्रेनिंग सेंटर के प्रधानाचार्य व प्रशिक्षकों ने भी पूरी मदद की और मेरा उत्साह बढ़ाया। इसके बाद सब आसान हो गया। वरना सवा साल की बेटी को साथ में रखकर पहले कार और फिर बस ड्राइविंग सीखना आसान नहीं था।
रोडवेज ट्रेनिंग सेंटर प्रधानाचार्य एसपी सिंह ने बताया कि देश में पहली बार कौशल विकास मिशन के तहत महिलाओं को भारी वाहन चलाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। प्रशिक्षण 15 मई को पूरा हो जाएगा।
ट्रेनिंग का सफर
● 08 मार्च 2021 को वेद कुमारी का प्रशिक्षण शुरू
● पहले 200 घंटे हल्के वाहन चलाने की ट्रेनिंग ली
● अब तक 400 घंटे का भारी वाहन चलाने का प्रशिक्षण
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